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क्यों हुआ है मऊ का नाम रौशन ?

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“मऊ” यूपी का एक चर्चित ज़िला, कभी अपनी राजनीति को लेकर तो कभी किसी अन्य मुद्दे पर. इस बार मऊ का नाम कुछ अलग वजह से चर्चा में है. वजह का ताल्लुक खेल की दुनिया से है. ये अलग बात है, कि इस बार भी मऊ की चर्चा में अंसारी फ़ैमिली के एक चहरे का ज़िक्र ख़ास है.
मऊ सदर सीट से विधायक मुख्तार अंसारी के पुत्र और अब्बास अंसारी हैं, वो वजह . जिस वजह पर आज मऊ की सरज़मीन को भी रश्क है. आखिर ऐसा क्या है ? और क्यों है ? बहुत देर से आप सोच रहे होंगे. पर आपने तस्वीरों को देखकर अंदाज़ा तो लगा ही लिया होगा. दरअसल अब्बास अंसारी ने 61वें शाटगन शूटिंग में लगातार पांच राउंड लक्ष्‍य को भेद कर राष्‍ट्रीय टीम के चयन के लिए क्‍वालीफाई करने किया है.

बसपा नेता एवं खिलाड़ी अब्‍बास अंसारी के प्रतिनिधि बृजेश जायसवाल ने बताया कि मऊ के निकाय चुनाव में प्रचार के व्‍यस्‍ततम कार्यक्रम के बावजूद अब्‍बास अंसारी नई दिल्‍ली के करणीय सिंह शूटिंग रेंज में आयोजित प्रतियोगिता में भाग लिया.  प्रतियोगिता में उन्‍होने लक्ष्‍य को पांच राउंड में पांच बार भेदने में सफलता प्राप्‍त किया,बताते चले कि मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास इंटरनेशनल लेवल के शूटर है. बताया जाता है, कि उनका लक्ष्य 2016 में रियो डी जिनेरो में होने वाले ओलिम्पिक के स्कीट निशानेबाजी का गोल्ड मेडल जीतकर देश को सम्मान दिलाना है. कल जब अब्बास अंसारी दिल्ली से वापस अपने घर के लिए रवाना हुए और वाराणसी के बाबरपुर एयरपोर्ट पर पहुंच्र तो उत्साहित बसपा कार्यकर्ताओं ने एवं सम्बन्धियों ने उनका स्वागत व सम्मान किया.
आश्चर्य की बात तो यह है कि अब तक ओलिम्पिक शूटिंग एरीना में एक गोल्ड मेडल समेत तीन पदक जितने वाले भारत का आज तक कोई भी निशानेबाज ओलिम्पिक की स्कीट निशानेबाजी के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाया है.बता दें अब्बास ने डीयू से बीकॉम ऑनर्स किया है.
अब्बास अंसारी लगातार विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर रहे है. इसलिए सियासी हलकों में इस बात की चर्चा ने जोर पकड़ा हुआ है, कि उन्हें उन्हें बसपा की तरफ से लोकसभा चुनाव मेंउतारा जायेगा. अब देखना ये है कि खेल के साथ  राजनीति के मैदान में अब्बास मऊ का कितना नाम रौशन करते हैं.

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