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क्या सही थी 2जी स्पेक्ट्रम पर कपिल सिब्बल की ‘जीरो लॉस’ थ्योरी ?

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देश का सबसे बड़ा घोटाला माने जा रहे टू-जी स्पेक्ट्रम केस में कोर्ट ने ए राजा और कनिमोझी सहित सभी आरोपियों को बरी कर दिया है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सरकारी वकील आरोप साबित नहीं कर पाए. फैसला आने के बाद कांग्रेस नेताओं ने बीजेपी पर पलटवार किया. कांग्रेस ने इस मुद्दे को संसद में भी उठाया और बीजेपी से मांफी मांगने को कहा.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने गुरुवार को कहा कि 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन से हुए नुकसान के बारे में उनका रुख सही साबित हुआ.

सिब्बल ने कहा-

“मैं पहले दिन से कह रहा था कि कोई नुकसान नहीं हुआ है और जीरो  लोस वाली थ्योरी बताया और आज यह बात साबित हुई। वास्तव में विनोद राय को देश से माफी मांगनी चाहिए. भाजपा (उस समय विपक्ष) को भी देश से क्षमा मांगनी चाहिए.”

2010 में आई सीएजी रिपोर्ट में कहा गया था कि साल 2008 में 2जी स्पेक्ट्रम की नीलामी न होने से सरकारी खजाने को एक लाख 76 हजार करोड़ रुपये का घाटा हुआ. सिब्बल ने इसी रिपोर्ट को आधारहीन करार देते हुए ‘जीरो लॉस’ की बात कही थी.

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फाइल फोटो


पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि हमारी सरकार के खिलाफ 2G को लेकर जो प्रोपेगैंडा फैलाया गया था, आज कोर्ट ने उसे पूरी तरह से खारिज कर दिया है. हमारी सरकार पर खराब नियत से आरोप लगाए गए थे.

पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि-

“कोर्ट के फैसले से साबित हो गया कि हमारी सरकार पर जो घोटाले के आरोप लगाए गए थे वो झूठे थे.”