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RSS जिन्ना के वंशजो के पैसों पर फली-फूली है, उसे जिन्नाह से क्या दिक्कत होगी ?

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अलीगढ़ मे RSS का पूर्व उप महामहिम पर हमला, ईज़रायल की साठ-गांठ से भारत के संविधान पर हमला है!

दिनांक 2 मई को अलीगढ़ मुस्लिम विश्व विद्यालय (AMU) का माहौल खुशनुमा था। पूर्व उप-राष्ट्रपति श्री हामिद अंसारी का सम्मान होना था।
दोपहर को अचानक ABVP, RSS इत्यादी के 15-20 गुंडे, पिस्तौल हिलाते हुए, बक़ायदा पुलिस सुरक्षा मे, कैम्पस मे प्रवेश करते हैं। भद्दे-भद्दे नारे लगाते हैं। पूर्व अप-राष्ट्रपति को गालियां देते हैं। उन्हे मार डालने की धमकी देते हैं।
कैम्पस गेट पर कुछ students और AMU के सुरक्षाकर्मी, गुंडो को रोकने की कोशिश करते हैं। उनके साथ ये गुंडे मार-पीट करते हैं। फिर आगे बढ़ते हुए, पूर्व अप-राष्ट्रपति की सभा स्थल की ओर रुख करते हैं। तब तक उप महामहिम पधारे नही थे।

Students भी कम थे। योजनाबद्ध तरीके से, संघी गुंडे, छात्रों पर हमला करते हैं। एक छात्र नेता समेत कई छात्र घायल हो जाते हैं। तब तक AMU के प्रॉकटर पहुंचते हैं। और students आ जाते हैं।
जैसा की नियम है, उप महामहिम के सुरक्षकर्मी उनके पहुंचने के पहले हालात का जायज़ा लेने पहुंचते हैं। संघी गुंडे पूर्व उप महामहिम के सुरक्षा कर्मियों से भिड़ जाते हैं।
कथित विवाद वाली बात, की मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर AMU Union Hall मे क्यूं लगी है, पर गुंडे कोई बात तक नही करते। उप-महामहिम को गद्दार कहते हैं। उन्हे जान से मारने की धमकी देते हैं।
पूर्व उप महामहिम के सुरक्षाकर्मी इस बात पर आपत्ती जताते हैं। संघी गुंडे उनसे भिड़ जाते हैं। हवा मे गोलियां चलाते हैं। सुरक्षाकर्मी भी एक हवाई फ़ायर करते हैं। फिर भग्दड़ मचती है। संघी गुंडे भागने लगते हैं। पर प्रॉकटर की टीम, कुछ गुंडो को धर दबोचती है।

AMU के सेन्ट्रल हॉल में आज़ादी के पहले से लगी हुई मुहम्मद अली जिन्नाह की तस्वीर


फिर प्रॉकटर और students का हुजूम पुलिस थाने पहुंचता है। पकड़े गये संघी गुंडों को पुलिस के हवाले कर दिया जाता है। इन गुंडों ने देशद्रोह किया था। पुलिस उनको हिरासत मे लेने के बजाय छोड़ देती है!
इस पर छात्रों का गुस्सा फट पड़ता है। विरोध प्रदर्शन शुरू हो जाता है। जिस पुलिस ने देशद्रोह मे शामिल संघी लड़के छोड़ दिये, AMU के छात्रों पर लाठी चलाती है। बेरहमी से मारती हैं, आंसू गैस छोड़ती है। कई लड़कों का सर फट जाता है। पुलिस गोली भी चलाती है। लड़के घायल होकर गिर जाते हैं। चारों तरफ अफरा-तफरी मच जाती है।

AMU मे हुए उप महामहिम पर हमला राष्ट्रद्रोह की श्रेणी मे आता है।

इस मामले की शुरुआत RSS ने की, जब कुछ दिन पहले, RSS ने AMU कैम्पस के अन्दर शाखा खोलने की कोशिश की। फिर भाजपा के नेताओं ने AMU Union Hall मे मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर पर सवाल उठाया।
पर अगर आप और हम यह सोच रहे कि RSS को परेशनी जिन्ना से है, तो यह बिल्कुल गलत है। अगर ऐसा होता तो इनको सबसे पहले जिन्ना की मुम्बई वाली हवेली, Britannia Biscuit, Go Air, और IPL की Punjab team से आपत्ति होती, जो जिन्ना के वंशज India में चला रहे हैं। यहां तक की, जिन्ना के वंशज उद्योगपती नसली वाडिया, RSS के प्रमुख नेता ननाजी देशमुख को पैसा देते थे! RSS जिन्ना के वंशजो के पैसों पर फली-फूली है!
लेकिन इन्हें इन सब से परेशानी नहीं, बल्कि आज़ादी के 20-30 साल पहले से लटकी तस्वीर से है! साफ है कि निशाने पर उप-महामहिम और AMU हैं, जिन्ना नही।
आज का AMU, सर सैय्यद अहमद खान द्वारा 1880s मे स्थापित Muhammadan Anglo-Oriental College का ही extension है। आज़ाद भारत सरकार द्वारा मान्य, AMU के 1920 यूनिवर्सिटी एक्ट के clause 4 (V) के तहत, 1920 से पहले जिस तरह College की बनावट थी, उन्ही styles और properties को वैसा ही रक्खा जायेगा। जिन्ना AMU के फाऊंडर मेम्बर थे। उनकी तस्वीर 1920 के पहले Union Hall से लगी थी।
अब 1920 के एक्ट के अन्तर्गत, तस्वीर छेड़छाड़ नही किया जा सकता। केंद्र और प्रदेश मे भाजपा की सरकार है। जिन्ना की तसवीर हटाने के पहले, उन्हे 1920 एक्ट मे तब्दीली लानी चाहिये।
एसा न करके, उपद्रव मचाना,पूर्व उप महामहिम पर हमला बोलकर भारत मे संवैधानिक संकट पैदा करना–RSS की देश को कामज़ोर करने की घिनौनी साज़िश है। इस घटना के 12 घन्टे पहले, भाजपा नेता सुब्रमणियम स्वामी का ट्वीट आया था–‘WHO WILL TEACH AMU A LESSON’–अलीगढ़ विश्वविद्यालय को सबक कौन सिखायेगा? यह सब पूर्व नियोजित था। स्वामी इज़रायल की गुप्तचर एजन्सी, ‘मोसाद’ का आदमी है। मोसाद काफी दिनो से उत्तर प्रदेश मे दंगा भड़काने हेतु, सक्रिय है!
उप महामहिम का पद संवैधानिक है। भारतीय सेना इसकी रक्षा करती है! 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलो मे भी मोसाद का हाथ था। पूर्व उप महामहिम पर हमले मे भी मोसाद की प्लानिंग है!
1857 राष्ट्रवादी मंच इस साज़िश को कभी सफल नही होने देगा!
अमरेश मिश्र
संयोजक,
1857 राष्ट्रवादी मंच

नोट – यह लेख लेखक की फेसबुक वाल से लिया गया है