लगता है उत्तरप्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में जबसे भारतीय जनता पार्टी की सरकार आस्तित्व में आई है, तब से यूपी सरकार के सारे सरकारी विभाग भाजपा या संघ से जुड़े संगठनों के कार्यक्रमों को सरकारी देख रेख में सफ़ल करवाने हेतु दबाव में हैं. या फिर यूं भी कह सकते हैं, कि उक्त विभाग के अधिकारी संघ व भाजपा के संगठनों के कार्यकर्ता की तरह व्यवहार कर रहे हैं.
उत्तरप्रदेश में सरकारी महकमे के दुरूपयोग एक ऐसा मामला सामने आया है,जिसके बारे में सुनकर आपके होश उड़ जायेंगे. दरअसल आरएसएस के छात्र संगठन ABVP ने अपने संगठन का एक सेल्फ डिफेन्स कार्यक्रम रखा है. सेल्फ़ डिफेन्स के अपने इस कार्यक्रम को सफ़ल बनवाने के लिए ABVP ने ज़िला विद्यालय निरीक्षक मुरादाबाद को अपने लेटर हेड में आवेदन की शक्ल में एक पत्र लिखा. जिसके बाद ज़िला विद्यालय निरीक्षक के कार्यालय से एक लेटर मुरादाबाद के सभी स्कूलों में भेज दिया गया.
अब सवाल ये उठता है, कि यह कार्यक्रम जब एक राजनीतिक छात्र संगठन के बैनर तले हो रहा है. तो इस कार्यक्रम के लिए सरकारी आदेश कैसे जारी कर दिया गया. क्या मुरादाबाद के ज़िला विद्यालय निरीक्षक ABVP के प्रचारक की भूमिका में हैं. क्या वो ऐसा ही लेटर अन्य राजनीतिक छात्र संगठनों के आह्वान पर भी जारी करते?
क्या इस कदम के बारे में यूँ नहीं कहा जाना चाहिए, कि बीजेपी सरकारी मशीनरी का उपयोग अपने वोट बैंक बढ़ाने में कर रही है. तभी तो मुरादाबाद जिले में संघ की छात्र इकाई अखिल विद्यार्थी परिषद् आत्म रक्षा कार्यक्रम कर रही है जिसमे जिला विद्यालय निरीक्षक मुरादाबाद ने जिले के सभी स्कूलों को लेटर जारी कर स्कूली छात्रों को कार्यक्रम में भेजने का आदेश दिया है ताकि युवा वोटर के मन में बीजेपी के लिए जगह बनायीं जा सके.