धार्मिक पहचान के कारण होटल छोड़ने पर किया गया मजबूर

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कोलकाता में पिछले दिनों एक मामला सामने आया, कि टोपी और दाढ़ी देखकर कुछ लोगों को होटल बदलने पर मजबूर किया गया। कोलकाता पुलिस (Kolkata Police) के मुताबिक साल्ट लेक क्षेत्र में स्थित एक होटल में कुछ मदरसा शिक्षक रुके थे, जोकि मालदा के रहने वाले थे। उन मदरसा शिक्षकों को जब स्थानीय लोगों ने देखा तो उन्होंने होटल मैनेजर से आपत्ति जताई जिसके बाद उन्हे उनकी धार्मिक पहचान के कारण होटल छोड़ने के लिए मजबूर किया गया। इस पूरे मामले को पश्चिम बंगाल का एक शिक्षक संगठन देख रहा है, मोईद-उल-इस्लाम पश्चिमबंगा शिक्षक एक्या मुक्ति मंच के जनरल सेक्रेटरी हैं, उन्होंने इस मामले को प्रकाश में लाया।

हमसे फोन पर हुई बातचीत पर मोईदुल इस्लाम ने हमें बताया –

हम लोग एक गैरसरकारी और गैर राजनीतिक शिक्षक संगठन “पश्चिमबंगा शिक्षक एक्या मुक्ति मंच” से हैं, इस संगठन से जुड़े हुए 10 मदरसा शिक्षक 21 सितंबर को कोलकाता के विकास भवन अपने शिक्षा से संबंधित सरकारी कार्य के लिए आए थे। उन्होंने बताया कि चूंकि वे शिक्षक मालदा से कोलकाता आए थे। इसलिए उन्होंने हमारे ज़रिए एक गेस्टहाऊस में 3 रूम बुक किए थे। जोकि कोलकाता के साल्ट लेक क्षेत्र में स्थित है। हमने उस गेस्ट हाऊस को एडवांस देकर ये बुकिंग की थी।

21 सितंबर 2020 की सुबह 6 बजे जब ये शिक्षक मालदा से कोलकाता पहुंचे तो होटल का मैनेजर उन्हे ट्रिनिटी गेस्ट हाऊस लेकर गया। उसके पश्चात उन्हे CL164 गेस्टहाऊस ले जाया गया। जहां उन्हे उनकी आईडी कार्ड आदि देख कर तीन रूम दिए गए। रात बाहर यात्रा करने के बाद चूंकि वो कोलकाता पहुंचे थे, इसलिए शिक्षक पहले होटल में फ्रेश हुए और नाश्ता करने के लिए बाहर गए थे।

जब शिक्षक नाश्ता करके वापस होटल लौटे ,तब होटल मैनेजर ने उनसे कहा कि आपको कमरा छोड़ना पड़ेगा। तब शिक्षकों ने इसकी वजह जानना चाहा तो उन्हे बताया गया कि आप मुस्लिम कम्युनिटी से हैं और आप बाहर से आए हैं। स्थानीय निवासियों ने आप सभी को देखा है, और आपके ड्रेस कोड ( कुर्ता पायजामा, टोपी और दाढ़ी) के कारण उनके दिमाग में कुछ गलत धारनाएं या गई हैं, जैसा कि आजकल माहौल चल रहा है आदि । इसके बाद उन्हे कहा गया कि आपके लिए हम दूसरी होटल में रूम की कोशिश कर रहे हैं।

फिर उन्हे दूसरे गेस्टहाउस CG2 ले जाया गया, जहां उन्हे एक घंटा बाद उन्हे होटल मैनेजर ने कहा कि आप लोगों को रूम छोड़ना होगा, हम आपको रूम नहीं दे सकते क्योंकि आप सभी लोग मुस्लिम हैं। तब कोलकाता में बहुत बारिश हो रही थी, भरी बारिश में उन शिक्षकों को रूम छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। इसके बाद उन्होंने बारिश से खुद को बचाते हुए पास के ही मेट्रो स्टेशन में शेल्टर लिया।

मोईद-उल-इस्लाम ने आगे बात करते हुए हमसे कहा – ऐसी घटना पश्चिम बंगाल में कभी नहीं हुई, हमारे साथ भी पहले कभी ऐसा नहीं हुआ। पर आज जो पूरे देश में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ा जा रहा है। पश्चिम बंगाल में भी उसका असर दिख रहा है।

कोलकाता पुलिस कर रही है कार्यवाही

मोईदुल इस्लाम ने हमें बताया कि उन्होंने पुलिस में शिकायत करने के अलावा मुख्यमंत्री कार्यालय को भी शिकायत की थी। जिसके  बाद 3 लोगों को हिरासत में लिया गया है। और उन पर धर्म के आधार पर भेदभाव करने और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने से संबंधित धारा लगाई गई है।

क्या है इस तरह की घटनाओं की मुख्य वजह ?

हमने मोईद-उल-इस्लाम साहब से जानना चाहा कि पश्चिम बंगाल में इस तरह की घटना के घटित होने के पीछे क्या वजह हो सकती है, उन्होंने बताया – राजनीतिक कारणों और नेताओं की वजह से पिछले कुछ महीनों से पश्चिम बंगाल का सांप्रदायिक सौहार्द (Communal Harmony) बर्बाद हो रहा है। अभी जबसे यहाँ पर भाजपा राजनीतिक रूप से ताक़तवर हुई है, तबसे ही यहाँ ये समस्याएं शुरू हुई हैं। लोगों के दिमाग़ में ये बैठा दिया गया है कि ममता बनर्जी मुस्लिमों के लिए कार्य करती हैं और भारतीय जनता पार्टी हिंदुओं के लिए कार्य करती है। और इस तरह से ध्रुवीकरण कर दिया गया है।

पश्चिम बंगाल में क्यों बिगड़ रही है हवा?

यह बेहद चिंताजनक है, कि पिछले कुछ सालों में पश्चिम बंगाल में सांप्रदायिक घटनाओं की बाढ़ सी आ गई है। कुछ जगह धर्म के आधार पर हिंसा तो कहीं धर्म के आधार पर भेदभाव अब आम सा हो गया है। जानकर इसके पीछे की दो वजह बताते हैं, एक भाजपा का उभार और दक्षिणपंथी संगठनों की ज़मीन और सोशलमीडिया में बढ़ती सक्रीयता, दूसरी वजह देश में मीडिया और अन्य हिस्सों में बढ़ते दक्षिणपंथी प्रभुत्व से पश्चिम बंगाल भी अछूता नहीं है।