अभी खजुराहो के शिल्पग्राम में हुआ 2 दिवसीय राष्ट्रीय सूखा मुक्त जल सम्मेलन आम आयोजन है. यह सम्मेलन आने वाले दिनों में देश की राजनीति की दिशा तय करेगा. खजुराहो के जल सम्मेलन के जरिए सामाजिक कार्यकर्ता और गांधीवादी नेता अन्ना हजारे के 23 मार्च को दिल्ली में होने वाले आंदोलन रणनीति भी बनी. दो दिन के सम्मेलन में देशभर से आए जल-जंगल और जमीन से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ताओं को एक होने के लिए कहा गया.
अन्ना हजारे ने सम्मेलन में दो दिन में चार बार संबोधन कर कहा हमें मिलकर एक आवाज बनना होगा. अब अन्ना की आवाज पर बुंदेलखंड में सूखे और पानी की समस्या से जूझ रहे लोग दिल्ली में आंदोलन कर केंद्र सरकार को हिलाएंगे.
खजुराहो में राष्ट्रीय सूखा मुक्त जल सम्मेलन के जरिए अन्ना हजारे ने देशभर से आए लोगों को एक होकर काम करने के लिए कहा. अन्ना ने कहा जनता में सरकार गिराने की शक्ति होना चाहिए. दिल्ली में 23 मार्च के आंदोलन के जरिए देश को एक सामाजिक नेता और मिल सकता है और यह नेता हो सकते हैं जलपुरुष राजेंद्र सिंह.
जलपुरुष राजेंद्र सिंह ने भी कहा हमें ऐसा नेता चुनना है, जिसकी आंखों में पानी हो, जो पानीदार हो. हालांकि अपनी बात कहने के बाद उन्होंने कहा हमारे नेता होंगे अन्ना हजारे. साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि दिल्ली का आंदोलन देश में अलग-अलग मुद्दों पर काम कर रहे लोगों का एक मंच होगा.
इसमें जमीन के लिए काम करने वाला संगठन एकता परिषद भी शामिल होगा. खजुराहो में 2 दिन का आंदोलन रविवार को समाप्त हो गया है और अन्ना हजारे यहां से तीसरे दिन तमिलनाड रवाना जायेंगे. तमिलनाडु के मदुरै में अन्ना दिल्ली आंदोलन के लिए लोगों से आह्वान करेंगे.
जल सम्मेलन के समापन पर जल जन जोड़ो अभियान के राष्ट्रीय संयोजक संजय सिंह ने देशभर से आए सामाजिक कार्यकताओं से कहा कि दिल्ली के आंदोलन का आगाज खजुराहो से किया जा रहा है. इसका आह्वान खजुराहो में किया गया और आंदोलन कितने दिन चलेगा यह अन्ना ने नहीं बताया है.
जलपुरुष राजेंद्र सिंह ने बार-बार दोहराया कि 23 मार्च को अन्ना का आंदोलन भाजपा या कांग्रेस के खिलाफ नहीं, बल्कि देश के लोगों की आवाज होगी. राजेंद्र सिंह ने कहा यह आंदोलन दलगत राजनीति से ऊपर होगा. संजय सिंह ने कहा आंदोलन में बुंदेलखंड से 10 हजार लोग