हिमाचल में बीजेपी भले ही सत्ता हासिल करने में कामयाब हो गई हो लेकिन उसके सामने एक बड़ी दुविधा आकर खड़ी हो गई है. हिमाचल में ना सिर्फ सीएम उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल हारे बल्कि उनके बाद बीजेपी के ताकतवर नेता और प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सत्ती भी हार गए. दो बड़े नेताओं के एक साथ हारने के बाद मुख्यमंत्री पद पर अब किसे बिठाया जाए इस पर बीजेपी में मंथन चल रहा है.
मुख्यमंत्रियों का चयन करने के लिए भाजपा ने केंद्रीय पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर दी है. हिमाचल के लिए निर्मला सीतारमण और नरेंद्र तोमर को पर्यवेक्षक बनाया गया है.
विधायकों से बात करने के लिए रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर पर्यवेक्षक बनकर शिमला पहुंच रहे हैं. इस बीच हिमाचल के मुख्यमंत्री पद की रेस के लिए कुछ नामों की चर्चा शुरू हो चुकी है.
सीएम की रेस में सबसे पहला और मजबूत नाम हिमाचल के बीजेपी नेता जयराम ठाकुर का है. जयराम मंडी के सरेजा से लगातार पांचवीं बार विधायक चुने गए हैं. जयराम ठाकुर 2007 से 2009 तक हिमाचल बीजेपी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. जयराम हिमाचल सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं.
जयराम ठाकुर के बाद सबसे ज्यादा जो नाम सुर्खियों में है वो स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा का है.हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार का नाम भी मुख्यमंत्री पद की रेस में है लेकिन उनके सामने उम्र बड़ी चुनौती है.
प्रेम कुमार धूमल के बेटे अनुराग ठाकुर को मुख्यमंत्री बनाने की मांग पार्टी कार्यकर्ताओं की ओर से हो रही है. अनुराग ठाकुर को सीएम बनाए जाने पर न केवल उन्हें विधानसभा चुनाव लड़ना पड़ेगा बल्कि बीजेपी को भी लोकसभा के उपचुनाव का भी सामना करना पड़ेगा.
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