CJI के बाद वरिष्ठतम चार जजों की प्रेस कांफ्रेस ने देश में हलचल मचा दी है. प्रत्येक दिग्गज इस पर अपनी राय रख रखे है. जानें इस पर क्या कहते है दिग्गज
आप नेता और कवि कुमार विश्वास ने कहा कि ‘‘आत्मा की आवाज़ पर देश के दूसरे सबसे बड़े न्यायाधीश के साथ 3 जज अगर सार्वजनिक रूप से दबाब-बेबसी का बयान कर रहे है तो ये हमारे महान लोकतंत्र के लिए बड़े ख़तरों का संकेत है.लहजे के जी-हुज़ूर से बाहर आने के पर Justice Chelameswar को बधाई.मन आशंकित और खिन्न है युद्धाय विगत्ज्वर:”
आत्मा की आवाज़ पर देश के दूसरे सबसे बड़े न्यायाधीश के साथ 3 जज अगर सार्वजनिक रूप से दबाब-बेबसी का बयान कर रहे है तो ये हमारे महान लोकतंत्र के लिए बड़े ख़तरों का संकेत है.लहजे के जी-हुज़ूर से बाहर आने के पर Justice Chelameswar को बधाई.मन आशंकित और खिन्न है
युद्धाय विगत्ज्वर:🇮🇳— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) January 12, 2018
वरिष्ठ पत्रकार अजित अंजुम ने ट्विटर पर लिखा कि ”मुनादी दस्ता चारों जजों का इतिहास खंगालने में लग गया है . रिसर्च का काम तेज है . देखते रहिए. पढ़ते रहिए .जाति,धर्म ,घर,परिवार निशाने पर हैं. जजों ने चिट्ठी में क्या लिखा,ये उन्होंने भले न पढा हो, जजों के अतीत पर कालिख पोतने की कोशिश तेज होने वाली है #SupremeCourt #JudgesAtWar”
मुनादी दस्ता चारों जजों का इतिहास खंगालने में लग गया है . रिसर्च का काम तेज है . देखते रहिए. पढ़ते रहिए .जाति,धर्म ,घर,परिवार निशाने पर हैं. जजों ने चिट्ठी में क्या लिखा,ये उन्होंने भले न पढा हो, जजों के अतीत पर कालिख पोतने की कोशिश तेज होने वाली है #SupremeCourt #JudgesAtWar
— Ajit Anjum (@ajitanjum) January 12, 2018
पत्रकार हृदयेश जोशी ने बताया कि ”संवैधानिक मामलों की जानकारी के अभाव में इतने महत्वपूर्ण दिन ट्विटर पर आज कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। साथी पत्रकारों के वक्तव्यों को पढ़ने के बाद काफी अप्रासंगिक और लतियाया हुआ महसूस कर रहा हूं”.
संवैधानिक मामलों की जानकारी के अभाव में इतने महत्वपूर्ण दिन ट्विटर पर आज कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। साथी पत्रकारों के वक्तव्यों को पढ़ने के बाद काफी अप्रासंगिक और लतियाया हुआ महसूस कर रहा हूं।
— Hridayesh Joshi (@hridayeshjoshi) January 12, 2018
बीजेपी नेता सुब्रमन्यम स्वामी ने कहा कि ‘‘‘चारों जज इमानदार और ज्ञानी लोग हैं , इन पर ऊंगली नहीं उठाई जा सकती है .इनकी वेदना जब बहुत हो गई तभी इन्होंने ये क़दम उठाया”.
पूर्व वित्त मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने कहा कि ”सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ सार्वजनिक तौर पर आवाज उठाने वाले चारों जजों के साथ वह अडिग होकर खड़े हैं. उन्होंने कहा कि जजों की आलोचना करने के बजाय लोगों को उन मुद्दों पर मंथन करना चाहिए जो उन्होंने बताए है. यशवंत सिन्हा ने ट्वीट किया- सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जजों द्वारा की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस निश्चित रूप से अभूतपूर्व थी. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जब राष्ट्रीय हित का दाव होता है तब व्यापार के सामान्य नियम लागू नहीं होते हैं.”
Absolutely unprecedented, the press conference of the four senior judges of supreme court. Most important take away 'when national interest is at stake ordinary rules of business do not apply.
— Yashwant Sinha (@YashwantSinha) January 12, 2018