जावेद अख्तर ने बताया फ़िल्म “ज़ंजीर ” की रिलीज़ के पहले इस बात से डर रहे थे निर्देशक प्रकाश मेहरा

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हिन्दी फ़िल्म इंडस्ट्री के इतिहास की वो फिल्में जिन्हे हमेशा हिन्दी फ़िल्म के हर दौर में याद किया जायेगा , उनमे से एक फ़िल्म है “जंजीर”, फ़िल्म जंजीर 1973 में रिलीज हुई थी। फ़िल्म निर्देशक प्रकाश मेहरा की 1973 में आई फिल्म जंजीर ने हिंदी सिनेमा को अपने सबसे बड़े सितारों में से एक अमिताभ बच्चन दिया था। इस फिल्म के बाद ही लोग उन्हें ‘एंग्री यंग मैन’ के नाम से जानने लगे थे। लेकिन फिल्म में उनकी कास्टिंग को लेखक जावेद अख्तर से कुछ सपोर्ट मिला, क्योंकि अमिताभ उन दिनों एक के बाद एक फ्लॉप फिल्में दे रहे थे।

हाल ही में, जावेद अख्तर अरबाज खान के चैट शो, द इनविंसिबल्स विद अरबाज खान में दिखाई दिए, जहां उन्होंने अपने पटकथा लेखन के साथी सलीम खान के साथ जंजीर की स्क्रिप्ट लिखने और प्रकाश मेहरा को “55,000 रुपये की अभूतपूर्व कीमत” पर फिल्म बेचने के बारे में बात की, जो पहले धर्मेंद्र के स्वामित्व में थी और फिर जावेद ने जंजीर फ़िल्म के लिए मुख्य भूमिका में बिग बी को लेने के लिए राकेश मेहरा को राज़ी किया। अख्तर ने अरबाज़ से बातचीत में कहा कि उनके पास जंजीर के लिए पटकथा और निर्देशक और निर्माता थे, लेकिन वे इसके मुख्य अभिनेता को फ़ाईनल नहीं कर सके थे।

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अख्तर ने खुलासा किया, “हमारे पास एक निर्देशक था, हमारे पास एक कहानी थी और हमारे पास एक निर्माता था, लेकिन हमारे पास एक अभिनेता नहीं था। उन्होंने कहा, “अब जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूं, तो मैं समझ सकता हूं कि क्यों। क्योंकि यह वह समय था जब राजेश खन्ना हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री के भगवान थे और संगीत इस इंडस्ट्री का राजा था। उन्होंने आगे कहा, “उन दिनों में, हमने एक ऐसी फिल्म बनाई, जहां नायक रोमांस नहीं करता है, गाने नहीं गाता है और कॉमेडी नहीं करता है। पहले सीन से आखिरी सीन तक, मुह लटकाए घूमता रहता है ( पहले सीन से अंत तक वह उदास चेहरे के साथ घूम रहा है )। ये हीरो उन्होंने देखा ही नहीं था, ऐसा हीरो कभी आया ही नहीं हिंदी पिक्चर में।

हालांकि, अख्तर को बॉम्बे टू गोवा, परवाना और रास्ते का पत्थर जैसी फिल्में देखने के बाद बिग बी में अपना मुख्य अभिनेता मिला। हालांकि सभी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप रहीं, लेकिन अख्तर देख सकते थे कि अमिताभ बच्चन एक “शानदार अभिनेता” हैं। उन्होंने जंजीर के निर्देशक-निर्माता से कहा, “ये मामुली अभिनेता नहीं है। चलो उन्हें लेते हैं, वह एक महान अभिनेता हैं।

अख्तर ने कहा, “आज के समय में, अगर दो कलाकार स्क्रिप्ट को मना करते हैं, तो निर्माता को स्क्रिप्ट से नफरत हो जाती है। वह फिल्म बंद कर देंगे, वह इसे नहीं बनाएंगे। लेकिन प्रकाश जी कई लोगों द्वारा स्क्रिप्ट को मना करने और उसे नकारने की बात सुनते रहे। और, अंत में, उन्होंने अमिताभ बच्चन को फिल्म में लिया। वह पटकथा और अभिनेता अमिताभ बच्चन के साथ खड़े रहे।

लेकिन जंजीर के निर्माण के दौरान भी, बिग बी की कुछ और फिल्में रिलीज हुईं जो बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप रहीं। और, प्रकाश मेहरा ने जावेद अख्तर को हर बार याद दिलाया कि उन्होंने अमिताभ को फ़िल्म में लेने के लिए उन्हे मनाकर क्या किया है। उन्होंने  कहा, कि “वह (प्रकाश मेहरा) अमिताभ की एक्टिंग प्रशंसा करते थे, लेकिन मुझे यह भी याद दिलाते रहते थे कि उनके लिए इस फिल्म को बेचना कितना मुश्किल हो रहा है।

आखिरकार, जंजीर सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई और उस समय की सबसे बड़ी हिट में से एक बन गई। उन्होंने कहा, “यह वह फिल्म थी जिसने हमें असली श्रेय दिया। यह एक ऐसी फिल्म थी जिसने सभी मानदंडों को तोड़ दिया,”। ‘जंजीर’ में अमिताभ बच्चन ने एक पुलिसवाले का किरदार निभाया था। फिल्म का उनका संवाद, “जब तक बैठने के लिए न कहा जाए, शराफत से खड़े रहो,” लोकप्रिय हो गया। फिल्म में जया बच्चन और प्राण ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

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