पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी ( Varun Gandhi ) के बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा हर गुजरते दिन के साथ तेज होती जा रही है। गांधी परिवार के सदस्य के भाजपा छोड़ने की अटकलें हैं, जिसमें वह 2004 में 24 साल की उम्र में शामिल हुए थे।
इन अटकलों का पहला और सबसे बड़ा कारण यह है कि किसी अन्य भाजपा नेता ने अपनी ही पार्टी की आलोचना नहीं की है जैसा कि वरुण गांधी ने पिछले दो वर्षों में किया है। 2004 में बीजेपी से हाथ मिलाने वाले वरुण ने गांधी-नेहरू परिवार से ताल्लुक रखते हुए कई सवालों को जन्म दिया। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में कई बार लोगों ने वरुण गांधी और उनके चचेरे भाई राहुल गांधी के बीच तुलना की है। इन चीजों से इन बातों को बल मिल रहा है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी और दिवंगत संजय गांधी के बेटे 42 वर्षीय वरुण गांधी कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।
वो चीजें जो हो सकती हैं वरुण के भाजपा छोड़ने और कांग्रेस में शामिल होने की वजह
- वरुण गांधी बीजेपी में पूरी तरह से दरकिनार हो गए हैं. पार्टी ने उन्हें पिछले साल राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य पद से भी हटा दिया था। उम्मीद की जा रही है कि वरुण गांधी को 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए टिकट नहीं मिलेगा।
- वरुण गांधी ने उस समय यूपी में आडवाणी के लिए रैली का आयोजन किया था, जिस समय नरेंद्र मोदी दिल्ली की राजनीति में उतरने की तैयारी कर रहे थे। इस रैली को आडवाणी के शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा गया था। इसके बाद से वरुण गांधी नरेंद्र मोदी की अच्छी किताब से बाहर हैं।
- बीजेपी में लालकृष्ण आडवाणी का दौर खत्म होने पर वरुण को सुल्तानपुर से और उनकी मां को पीलीभीत से सांसद का टिकट मिला. सरकार बनने के बाद मेनका गांधी को मंत्री बनाया गया, लेकिन वरुण को दरकिनार कर दिया गया।
- मोदी सरकार के 3 कृषि कानूनों के खिलाफ जब पूरे देश में गुस्सा और विरोध था, तब वरुण पार्टी लाइन से आगे निकल गए थे। उन्होंने सोशल मीडिया और अखबारों में लेखों के जरिए पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा।
पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का भाजपा के संगठन पर लगभग पूरा नियंत्रण होने के साथ, यह संभावना नहीं है कि वरुण को आने वाले वर्षों में भी पार्टी में कोई बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी। इससे पहले 2009 में एक साक्षात्कार में वरुण ने कहा था कि भाजपा चाहती है कि वह अपनी आंटी सोनिया गांधी और भाई राहुल गांधी के खिलाफ कड़ी टिप्पणी करें, लेकिन उन्होंने इसे ‘आंतरिक पारिवारिक मामला’ बताते हुए ऐसा करने से इंकार कर दिया था।