महिला सुरक्षा के लिए खतरा हैं नये मुख्यमंत्रीः रेखा शर्मा

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Ankit Swetav

हाल ही में पंजाब (Punjab) की प्रदेश सरकार और कांग्रेस (Congress) की प्रदेश कमिटी में काफी बड़े फेरबदल किए गए है। मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह (Cpt. Amrendra Singh) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, जिसके बाद कांग्रेस ने चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) को मुख्यमंत्री नियुक्त कर दिया। साथ ही पंजाब कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhhu) को नियुक्त किया गया है। इन सबके बाद अमरिंदर सिंह के अमित शाह (Amit Shah) से औपचारिक मुलाकात से पंजाब की राजनीतिक सरगर्मी तेज है।

बीते सोमवार को राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा (Rekha Sharma) ने चरणजीत सिंह चन्नी के मुख्यमंत्री बनाए जाने पर सवाल खड़े किए। उन्होंने चरणजीत सिंह चन्नी को महिलाओं की सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा खतरा बताया। इसके पहले रविवार को भाजपा के आईटी (IT) विभाग प्रमुख अमित मालवीय (Amit Malviya) ने भी नए मुख्यमंत्री बनने पर सवाल खड़े किए थे।

महिला आयोग ने जताई आपत्ति

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने चरणजीत सिंह चन्नी से जुड़े महिला सुरक्षा के प्रति विवादित आरोपों को ताजा करते हुए सोनिया गांधी (Soniya Gandhi) से उन्हें पार्टी से हटाए जाने की अपील की। उन्होंने बताया कि, “पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह के खिलाफ 2018 में ‘मी टू मूवमेंट’ (Me Too Movement) के दौरान आरोप लगाए गए थे। पंजाब राज्य महिला आयोग ने इसको खुद संज्ञान में लेकर पार्टी से उन्हें हटाए जाने की अपील की थी। मगर उस वक्त पार्टी द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई थी। आज एक महिला शासित पार्टी ने ही उन्हें मुख्यमंत्री का पद दे दिया है। यह गलत है और चरणजीत सिंह पर लगे आरोपों के मद्देनजर उनकी जांच होनी चाहिए।”

उन्होंने आगे कहा, “नए मुख्यमंत्री महिलाओं की सुरक्षा के लिए खतरा है। मैं सोनिया गांधी से आग्रह करती हूं कि उन्हें उनके पद से तुरंत हटाया जाए।”

विवादित रह चुके हैं चरणजीत सिंह

चरणजीत सिंह चन्नी को राजनीति से जुड़े हुए 14 साल हुए हैं। 2007 में उन्होंने पंजाब विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपनी दावेदारी हासिल की थी। इसके बाद वह कांग्रेस से जुड़े और उन्होंने 2012 में दूसरी बार जीत हासिल की। वर्तमान में वह चमकौर साहिब सीट से विधायक हैं।

2018 में देश भर में चले मी टू मूवमेंट के दौरान चरणजीत सिंह चन्नी पर भी गंभीर आरोप लगाए गए थे। उन पर एक महिला आईएएस अधिकारी को अभद्र मैसेज भेजने का आरोप लगा था। उन्हें उस वक्त भी महिला सुरक्षा के लिए खतरा बताया गया था। राज्य महिला आयोग ने उनके खिलाफ मोर्चा खोला था और उन्हें पार्टी से निकालने की अपील की थी।

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