भारत में हर साल होने वाले क्रिकेट टूर्नामेंट इंडियन प्रीमियर लीग का अब नया टाइटल स्पॉन्सर टाटा ग्रुप होगा। साल 2022 में होने वाला IPL अब vivo IPL नहीं बल्कि TATA IPL होगा। समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक लगातार 5 सालों तक चीनी कंपनी vivo IPL की टाइटल स्पॉन्सर रही है लेकिन अब BCCI ( The Board of Control for Cricket in India ) और vivo का करार रद्द हो गया है। और अब भारत के सबसे बड़े और पुराने व्यापार समूह Tata, IPL का नया टाइटल स्पॉन्सर होगा।
BCCI ने क्या कहा :
अगले दो सालों तक चीनी मोबाइल निर्माता vivo IPL का टाइटल प्रायोजक नहीं होगा ये फैसला मंगलवार को IPL की संचालन परिषद की बैठक में लिया गया। IPL के अध्यक्ष बृजेश पटेल ने समाचार एजेंसी भाषा को बताया, “अब टाटा समूह IPL (indian primer league) का प्रायोजक होगा।” दूसरी और एक विज्ञप्ति में BCCI के सचिव जय शाह ने कहा, ” BCCI, IPL के लिए ये एक महत्वपूर्ण अवसर है क्योंकि टाटा समूह की सौ साल से भी पुरानी विरासत है और छह महाद्वीपों के 100 से ज़्यादा देशों में टाटा कार्यरत हैं।”
उन्होंने आगे कहा, ‘ हम चाहते है कि टाटा समूह की ही तरह BCCI भी चाहती है कि क्रिकेट की भावना का दुनिया भर में प्रसार हो। IpL की बढ़ती लोकप्रियता इसका एक अच्छा उदाहरण है। हमें खुशी है कि भारत का सबसे पुराना और बड़ा व्यवसाय समूह IPL के इस सफ़र में जुड़ा है। हम टाटा के साथ भारतीय क्रिकेट और IPL को नई ऊंचाइयों तक ले जाना चाहते हैं।’
Vivo और BCCI का करार रद्द क्यों हुआ :
2020 के एल ब्रेक के साथ vivo लगातार IPL का 5 साल तक टाइटल प्रायोजक रहा है। vivo एक चीनी मोबाइल निर्माता कंपनी है। 2020 में भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में सैन्य टकराव को लेकर राजनयिक तनाव बढ़ गया था, जिसके चलते vivo, IPL का प्रायोजक नहीं बना। IPL के कई हितधारक इस फैसले से खुश हैं कि अब Vivo का नाम IPl से नहीं जोड़ा जाएगा।
सूत्रों के हवाले से समाचार एजेंसी भाषा ने लिखा है, “एक न एक दिन ऐसा होना था क्योंकि इससे कंपनी और लीग दोनों का बुरा प्रचार हो रहा था। भारत में चीनी उत्पादों को लेकर लोगो में बढ़ती नकारात्मक भावना को लेकर कम्पनी को एक साल पहले अपने करार से पीछे हटना पड़ रहा है।” बहरहाल, अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर चीन की घुसपैठ बढ़ रही है।
Vivo और BCCI के बीच हुआ था करोड़ो का करार :
टाटा समूह के साथ दो सालों का टाइटल प्रायोजक बनने का करार 670 करोड़ रुपए में हुआ है। इससे 2022 और 2023 में BCCI को 1124 करोड़ रुपए मिलेंगे। ये उम्मीद की जा रही है कि 2023 में भी टाटा ग्रुप ही IPL का प्रायोजक होगा। बात vivo के साथ किये गए करार की कि जाए तो 2018 से लेकर 2022 तक के लिए 2200 करोड़ रुपए का करार किया था। 2020 में दोने देशों के बीच भड़ते तनाव को लेकर vivo को ब्रेक लेना पड़ा था और 2020 का टाइटल प्रायोजक ड्रीम 11 (dream11) बना था।
जानकारी के मुताबिक vivo ने 2022 और 2023 के लिए 996 करोड़ का करार किया था। लेकिन अब जब vivo टाइटल प्रायोजक बनने के अधिकार का हस्तांतरण कर रहा है तो उसे BCCI को कुल मिलाकर 454 करोड़ रुपए देने होंगे। इसमें छह प्रतिशत असाइनमेंट फ़ीस, करार रद्द करने के लिए 2022 के लिए 183 करोड़ और 2023 के लिए 211 करोड़ रुपए देने होंगे। मालूम हो कि स्पॉन्सर से मिलने वाली रकम का 50 फीसदी BCCI अपने पास रखता है और बाकी 50 फीसदी फ्रेंचाइजी में बंट देता है।
15 सालों में इन कम्पनियों ने किया है IPL को टाइटल स्पॉन्सर :
IPL की शुरुआत 2008 में हुई थी और तब से लेकर अब तक 5 कंपनी IPl टाइटल प्रायोजक बन चुकी है या बनने जा रही है इनमे सबसे पहला नाम DLF का है जो 2008 से 2012 तक IPL प्रायोजक रहा। दूसरा नाम है pepsi, ये IPL का 2013 से 2015 तक 79.2 करोड़ के साथ IpL प्रायोजक रहा।
तीसरा नाम vivo का है जिसने 2016 से 2017, 100 करोड़ में और फिर 2018 से 2019, 439.8 करोड़ के साथ IPL प्रायोजक रहा। 2020 में सीमा विवाद के चलते vivo के स्थान पर ड्रीम 11 ने स्पॉन्सर किया था। 2021 में फिर vivo ने स्पॉन्सर किया। और अब 2022 और 2023 में टाटा ग्रुप टाइटल प्रायोजक बनने जा रहा है।