भारत की बेटियां आजकल कई सारे कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं। अभी 1 महीने पहले ही आंध्र प्रदेश की सिरीशा बांदला ने वर्जिन गैलेक्टिक के जरिए अंतरिक्ष में अपने कदम रखे थे। उसके बाद टोक्यो ओलंपिक में भारत की बेटी मीराबाई चानू ने देश को पहला मेडल दिलाया था।
अब भारत की एक और बेटी ने विश्व में देश का नाम रोशन कर दिया है। दरअसल, महाराष्ट्र की रहने वाली 14 साल की दीक्षा शिंदे का NASA की fellowship के लिए सेलेक्शन हुआ है। दीक्षा को यह उपलब्धि अपनी लिखी हुई एक theory के चलते मिली है।
कौन है दीक्षा शिंदे?
महज 14 साल की दीक्षा शिंदे महाराष्ट्र के औरंगाबाद की रहने वाली है। उनके परिवार में उनके अलावा एक छोटी बहन और माता-पिता है। दीक्षा एक मध्यम वर्गीय परिवार से आती है।
अमेरिका की स्पेस कंपनी NASA ने उन्हें अपने MSI fellowship के वर्चुअल पैनल के लिए बतौर पैनलिस्ट सेलेक्ट किया है। उन्होंने अपनी इस सफलता से ना केवल अपने परिवार का बल्कि पूरे देश का सर गर्व से ऊंचा कर दिया है।
ऐसे हुआ दीक्षा का चयन
Asian News International (ANI) से 19 अगस्त को हुई अपनी बातचीत में दीक्षा ने बताया कि किस तरह NASA ने उन्हें अपने पैनलिस्ट के रूप में सेलेक्ट किया है। उन्होंने बताया कि, “मैंने NASA को black holes और god पर एक theory लिखकर भेजी थी। मेरे 3 प्रयासों के बाद उन्होंने मुझे सिलेक्ट किया। बाद में उन्होंने मुझे अपने वेबसाइट के लिए आर्टिकल्स लिखने का भी मौका दिया।”
इतनी कम उम्र में इतना बड़ा कीर्तिमान स्थापित करके दीक्षा ने साबित कर दिया है कि भारत की बेटियां किसी क्षेत्र में किसी से पीछे नहीं है। अगर वो ठान ले तो कोई उन्हें अपनी मंजिल पाने से नहीं रोक सकता।