खुशहाल देशों की लिस्ट में भारत लगातार पिछड़ रहा है. आलम यह है कि भारत अपने पड़ोसी मुल्कों से भी पिछड़ गया है. संयुक्त राष्ट्र की सस्टेनेबल डेवलपमेंट सॉल्यूशंस नेटवर्क की वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट-2018 में इस बात का खुलासा हुआ है. 156 देशों की इस सूची में भारत को 133वां स्थान दिया गया है ,वहीं पाकिस्तान 75वें स्थान पर है. साल 2017 में भारत 122वें स्थान पर था, लेकिन वह इस बार 11 स्थान खिसक गया है.
अन्य पड़ोसी मुल्कों की बात करें तो चीन 86वें, भूटान 100 के पास (97वें नंबर पर), नेपाल 101वें, बांग्लादेश 115वें और श्रीलंका 116वें नंबर पर है.वहीं म्यांमार 130 वें नंबर पर है.
ये हैं टॉप 10 देश
वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट-2017 में पहले स्थान पर नॉर्वे था, पिछले साल उसे विश्व का सबसे खुशहाल देश घोषित किया गया था लेकिन इस बार डेनमार्क से यह ताज फिनलैंड ने छीन लिया.
फिनलैंड छोटा यूरोपीय देश है, जिसका क्षेत्रफल 3.38 लाख वर्ग किमी है.इस देश की जनसंख्या 55 लाख है.खूबसूरती के लिहाज से भी फिनलैंड आगे है.साल 2017 में फिनलैंड 5वें स्थान पर था. नॉर्वे इस बार दूसरे स्थान पर है. तीसरे स्थान पर डेनमार्क है. आइसलैंड और स्विट्जरलैंड क्रमश: 4वें और 5वें स्थान पर हैं. नीदरलैंड 6वें
कनाडा 7वें स्थान पर है. न्यूज़ीलैंड 8वें स्थान पर है. स्वीडन और ऑस्ट्रेलिया क्रमश: 9वें और 10वें स्थान पर हैं. अमेरिका को इस बार 18वां स्थान मिला है जबकि पिछली बार वो 14वें पायदान पर था. अमेरिका वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट में कभी टॉप 10 में नहीं आया.
वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट
- शीर्ष 10 खुशहाल देशों में से 8 यूरोप के हैं.
- शीर्ष 20 में भी एशिया का एक भी देश नहीं है.
- सबसे कम खुशहाल देश बुरुंडी है. उसे 156वां स्थान मिला है.
ऐसे बनाई जाती है सूची
संयुक्त राष्ट्र की संस्था सस्टेनेबल डेवलपमेंट सॉल्यूशंस नेटवर्क इस सूची को तैयार करने के लिए कई तरह के मानकों का इस्तेमाल करती है. जीडीपी पर कैपिटा, सामाजिक सहयोग, उदारता और भ्रष्टाचार, सामाजिक स्वतंत्रता, स्वस्थ जीवन के अलावा संस्था कई प्वाइंट्स के आधार पर प्रश्न तैयार करती है और इसके जरिए ही सूची बनाई जाती है.