कपिल मिश्रा के भड़काऊ वीडियो की शिकायत करने वाले अफ़सर हुए निलंबित

Share

पत्रकार अभिसार शर्मा और रविश कुमार को फोन कर भद्दी गालियाँ देने वाले लोगों के खिलाफ टेलीकॉम कम्पनियों को नोटिस भेजने वाले और कपिल मिश्रा द्वारा आपत्तिजनक वीडियो शेयर करने पर दिल्ली पुलिस कमिश्नर को शिकायत हेतु ख़त लिखने वाले अफ़सर को दूरसंचार मंत्रालय ने मंगलवार को निलंबित कर दिया है और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू कर दी है.


जोशी, जोकि देहरादून में संचार खाते ( कम्युनिकेशन अकाउंट ) के नियंत्रक के रूप में काम करते हैं, ने दिल्ली के पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने ट्विटर पर दिल्ली के विधायक कपिल मिश्रा द्वारा साझा किए गए “अत्यधिक भड़काऊ वीडियो” के बारे में शिकायत किये थे.


24 फरवरी को अपलोड की गई कविता में, मिश्रा ने घोषणा की थी, “हम देशद्रोहियों के खिलाफ युद्ध छेड़ेंगे”, उस कविता में कई विरोधी राजनीतिज्ञों, समाजसेवियों, समुदाय विशेष, एक्टिविस्टो का नाम लेकर उन्हें देशद्रोही बताकर, उनके बारे में कहा था, कि उन्हें “अपने घरों से बाहर सड़कों पर घसीटा जाएगा”.इस कविता में पत्रकार बरखा दत्त, सामाजिक कार्यकर्ता कविता कृष्णन और शेहला राशिद, राजनीतिज्ञ नवजोत सिंह सिद्धू और अभिनेता नसीरुद्दीन शाह का नाम लेकर भड़काने वाले कमेन्ट किये गए थे.
मंगलवार को, कपिल मिश्रा ने ट्विटर पर कहा कि “जो लोग मुझे फर्जी पत्र दिखा कर गिरफ्तार करवाना चाहते थे, वो ये जान लें कि यह व्यक्ति अपनी नौकरी खो चुका है”. मिश्रा ने कहा, “यह आशीष जोशी अपनी नौकरी से निलंबित हो चुका है.”


सोमवार को, जोशी ने हिंदुस्तान टाइम्स से कहा, ” वीडियो में जिन लोगों का नाम लिया है, मैं ज़्यादातर लोगों को नहीं जानता”. मैंने जनहित में अपनी शिकायत दर्ज कराई है. यह चौंकाने वाला है घटनाक्रम है कि कोई व्यक्ति लोगों को हिंसा के लिए उकसाता है. ताकि लोग आगे आयें और कुछ लोगों को उनके घरों से बाहर निकालें”.
पत्र को सार्वजनिक करने के तुरंत बाद, कपिल मिश्रा के समर्थकों ने व्यक्तिगत एजेंडे के लिए अपने आधिकारिक लेटरहेड का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए जोशी पर हमला शुरू कर दिया था.
पिछले महीने में ही जोशी ने सभी टेलीकॉम ऑपरेटरों को पत्र लिखकर निर्देश दिया था कि वे पत्रकारों रवीश कुमार और अभिसार शर्मा को अश्लील संदेश भेजने वाले ग्राहकों के खिलाफ कार्रवाई करें. उन्होंने गाली देने वालों के नंबर्स भी अपने लेटर में मेंशन किये थे. उन्होंने पत्र की एक प्रति सभी राज्यों के दूरसंचार सचिव और पुलिस महानिदेशक / आयुक्तों को भी भेजी थी. अपने लेटर में उन्होंने कहा कि लाइसेंस एग्रीमेंट के अनुसार, “दूरसंचार ऑपरेटरों की यह ज़िम्मेदारी है, कि वो यह सुनिश्चित करें कि उनके नेटवर्क का उपयोग अश्लील मैसेज, दुर्भावनापूर्ण और आपत्तिजनक चीज़ों के प्रसारण के लिए तो नहीं किया जाता है”.