“लड़की हूं, लड़ सकती हूं” वाली प्रियंका गांधी, अलवर पर चुप क्यों हैं ?

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मंगलवार को राज्स्थान के अलवर में एक नबालिग लडकी के गैंग रेप कि खबर सामने आई थी. जिसके आरोपी अब तक गिरफतार नहीं हुए हैं. मामला भी कई मोड ले चुका है. शुरुआत में इसे गैंगरेप का मामला बताया गया था. लेकिन अब जो रिपोर्ट सामने आई हैं, उससे मालूम हुआ है कि लड्की के साथ गैंगरेप नहीं हुआ हैं. सूबे की अशोक गहलोत सरकार पर विपक्षी दल हमलावर है.

राज्स्थान के कई शहरो में बी. जे. पी. के स्थानीय नेता विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. बी.जे.पी. के वरिष्ठ नेता गजेन्द्र सिहं शेखावत मामले पर पहले ही प्रियंका गांधी पर निशाना साध चुके हैं. उन्होंने कहा था, यूपी में “लड़की हूं, लड़ सकती हूँ” का नारा सिर्फ़ चुनावी ड्रामा है. हालांकि समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक प्रियंका गांधी वाड्रा ने शनिवार को पीड़िता के परिवार से फोन पर बात की और मदद मिलने का आश्वासन दिया।

पूरा मामला जानिएः


दरअसल, मंगलवार 1 जनवरी को अलवर जिले के मालाखेड़ा थाना क्षेत्र से एक नाबालिग लड़की जिसकी उम्र 16 साल है दौपहर से लापाता थी. शाम के करीब 4 बजे लड़की के माता-पिता ने अकबरपुर थाना में मिसिंग रिपोर्ट दर्ज कराई थी लेकिन पुलिस ने य़ह कहते हुए रिपोर्ट लिखने से मना कर दिया की ये मामला मालाखेड़ा थाना के तहत आता है.

अलवर की तिजारा पुलिया पर छानबीन करती अलवर पुलिस (तस्वीर : सोशल मीडिया)


लड़की करीब रात 9 बजे अलवर की तिजारा फाटक पुलिया पर धायाल हालत में मिली. उसके शरीर पर गंभीर चोट के निशान थे, वहीं उसके प्राइवेट पार्ट में गहरे ज़ख्म थे. मीडिया रिपोर्ट कहती हैं कि, किसी नुकिली चीज़ से लड़की के जननांगों को चोट पंहुचाई गई थी. पहले उसे अलवर के एक समान्य़ अस्पाताल में भर्ती किया गया लेकिन कंडिशन सिरियस होने के चलते उसे जयपुर के जे.के. अस्पताल में भर्ती कराया गया. डॉक्टर का कहना कि हालत बहुत गंभीर थी, लड़की की वैजाईना और मलद्वार एक हो गए थे. करीब 8 घंटो की सर्जरी के बाद लड़की की जान बाचाई जा सकी.

आरोपियों की गिरफ्तारी नहीः

घटना को एक हफ्ता होने आया है लेकिन पुलिस अभी तक तीनों आरोपियों को पकड़ नहीं पाई. पुलिस, अलवर के गांव से लेकर तिजारा पुलिया तक की सारी सीसीटीवी फुटेज ख़गाल चुकी हैं लेकिन अभी तक आरोपियों का कुछ पता नहीं चला है. गहलोत सरकार द्वारा बानाई गई एसआईटी टीम कि जांच में भी कोई सुराग हाथ नहीं लगा है.

जिसके बाद अब सीबीआई जांच के आदेश दे दिए गए हैं. मालूम हो कि, सीसीटीवी फुटेज में सिर्फ़ ये पता चला है कि रात 8 बजे एक गाड़ी तिजारा पुलिया पर लड़की को फेंक कर चली गई थी. अलवर के एसपी तेजस्विनी गौतम के मुताबिक लास्ट लोकेशन और घटनास्थल की रिकोर्डिगं नहीं है.

रेप की पुष्टि नहीः


अलवर एसपी तेजस्विनी गौतम ने बताया है कि, जांच के बाद आई मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक नाबालिग के साथ रेप की पुष्टि नहीं हुई है. रिपोर्ट कहती है कि लड़की की वैजाइना और हाईना पुरी तरह से ठीक है. बता दे कि, जिस लड़की के साथ ये घटना सामने आई है वो दिव्यांग है, वो ना बोल सकती है, ना सुन सकती है और ना ही कुछ सोच समझ सकती है.

बाएं और एस पी तेजस्विनी गौतम ( तस्वीर : ट्वीटर)


मामला सामने आने के बाद राजस्थान के मानवाधिकार आयोग ने जिला प्रशासन से 18 जनवरी तक तथ्यातमक रिपोर्ट मांगी है. मानवाधिकार आयोग कि तरफ़ से दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के आदेश भी दिये गए हैं. वहीं अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिहं ने भी लालपुरा अलवर मामले पर संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव से 24 जनवरी तक रिपोर्ट देने को कहा है.

“लड़की हूं, लड़ सकती हूं” राजस्थान में लागू क्यों नहीं?

बी.जे.पी. ने राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ लागातार बढ़ रहे अपराध के मामलों पर कांग्रेस को घेरा है. यूपी में प्रियंका गांधी का “लड़की हूं, लड़ सकती हूं” के नारे पर भी निशाना साधते हुए गाजेन्द्र सिहं शेखावत ने ट्वीट कर कहा, “राजस्थान में महिलाओं के साथ हो रहे अपराधों की संख्या बढ़ती जा रही है. कांग्रेस का उत्तर प्रदेश में लड़की हूं, लड़ सकती हूं का झूठा नारा उनके लिए चुनावी क्षेत्र का ड्रामा है. सुनिए गहलोत जी, हम अलवर की बेटी को इंसाफ़ दिलाने के लिए हर स्तर पर लड़ने को तैयार हैं. हम वोट के लिए सिर्फ़ नारे नहीं बनाते.”


बता दें कि, जिस दिन की ये घटना है उस दिन प्रियंका गांधी राजस्थान के रणथंबोर में थी. प्रियंका गांधी का जन्मदिन था और वो अपने परीवार के साथ थी. मामले को लेकर राजस्थान के कई शहरों में विरोध जारी है, वही अब ये विरोध दिल्ली तक पहुंच चुका है. बी.जे.पी. प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कान्फ्रेंस कर कहा कि, प्रियंका गाधी उन्न्व पंहुच जाती है, हाथरस पहुंच जाती है. लेकिन अलवर नहीं जाती. राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है फिर भी महिलाओ के साथ रेप के मामले बढ़ रहे है. प्रियंका गांधी के लिए “लड़की हुं, लड़ सकती हुं” यूपी के अलग है और अलवर के लिए अलग.







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