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मानव संसाधन विकास मंत्रालय कैसे बना "सिफारिश मंत्रालय" ?

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केंद्रीय विद्यालयों का प्रबंधन करने वाला संगठन केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) एचआरडी मिनिस्टर के नियंत्रण में ही होता है. केंद्रीय विद्यालयों में एडमिशन लिए एचआरडी मंत्री के विशेषाधिकार वाली विशिष्ट सिफारिश का सालाना 450 का कोटा निर्धारित किया हुवा है. और ये कोटा भी 2014 में ईरानी ने ही तय किया था, जब वह मानव संसाधन विकास मंत्रालय देख रही थीं. और प्रतिष्ठित केंद्रीय विद्यालय का प्रबंधन करनेवाले बोर्ड ने मंत्री के प्रत्याशियों में से आधे का प्रवेश ले लिया है और बाकी को प्रवेश देने के लिए संघर्ष करते रह गये. खुद ने ही लक्ष्मण रेखा खिंची और खुद ने ही लांघी.

दप्रिंट के अनुसार


पिछले तीन वर्षों में मानव संसाधन विकास मंत्रियों स्मृति ईरानी और प्रकाश जावड़ेकर ने विभिन्न केंद्रीय विद्यालयों में कुल-मिलाकर 35,685 सीटों के एडमिशन लिए एचआरडी मंत्री के विशेषाधिकार वाली विशिष्ट सिफारिश की है. यह सालाना 450 के कोटे से 25 गुणा या यू कहें  2500 प्रतिशत अधिक है.

केंद्रीय विद्यालयों एक नजर में

पुरे देश भर में 1100 से अधिक केंद्रीय विद्यालय हैं, जो केंद्रीय सरकार में पदस्थापित कर्मचारियों के बच्चों की स्कूलिंग का ख्याल रखते हैं, खासकर जिन कर्मियों की नौकरी स्थानांतरण वाली हो. इन विद्यालयों में हरेक वर्ष लगभग 1.5 लाख नए बच्चों का प्रवेश होता है, जिसमें से 1 लाख पहले वर्ग में प्रवेश लेते हैं.
एचआरडी मंत्री  के अलावा हर वर्ष सांसद भी 10 प्रवेश की सिफारिश कर सकते हैं और हर  वर्ष लगभग 8000 प्रवेश सांसदों की सिफारिश से दिए जाते हैं.

एचआरडी मंत्री  के लिए ये विशिष्ट-वितरण व्यवस्था

ये  1975 में शुरू हुई थी. हालांकि, केवीएस ने कहा कि इसके पास पुराने प्रवेशों का रिकॉर्ड नहीं है, लेकिन इसके मुताबिक 2014-15 से कोटा लगातार बढ़ ही रहा है.

  • केंद्रीय विद्यालयों में प्रवेश के लिए हमेशा से होड़ रही है और हर एचआरडी मंत्री को प्रवेश के लिए अनुरोध के ढेर से जूझना पड़ता है.
  • यूपीए-1 में एचआरडी मंत्री रहे अर्जुन सिंह के समय तक यह विशेषाधिकार-कोटा 1000 प्रवेश तक था, जिसे उन्होंने बढ़ाकर 1200 कर दिया था.
  • कपिल सिब्बल ने पूरी तरह प्रतिभा आधारित प्रवेश की बात कर अपना कोटा ही समाप्त कर दिया था.
  • सिब्बल के बाद आए पल्लम राजू के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने कोटा को शुरू किए बगैर ही कुछ सिफारिशें की थीं.
  • जब 2014 में ईरानी ने मंत्रालय का पदभार संभाला, तो उन्होंने 450 प्रवेशों का कोटा निर्धारित किया. और खुद ही उसको तोड़ती रहीं.
  • जावेड़कर ने केंद्रीय विद्यालयों की व्यवस्था को सुधारने का दावा करते हुए भी ईरानी को पीछे छोड़ दिया.

आरटीआइ एक्ट के तहत दप्रिंटने पायी जानकारी और प्रकाशन किया, उनके अनुसार

2015-16 में एचआरडी मिनिस्टर के तौर पर अपने पूरे अकादमिक सत्र में ईरानी ने ऐसे प्रवेश के लिए तय 450 सीटों के कोटे के मुकाबले 5,128 सिफारिशें कीं. इनमें से केंद्रीय विद्यालयों ने 3500 को प्रवेश दिया.
अगले वर्ष, 2016-17 में ईरानी ने 15,065 सीटों के लिए सिफारिश की, हालांकि उनका कोटा अभी भी 450 सीटों का ही था. इनमें से केंद्रीय विद्यालयों नें मंत्री की सिफारिश पर 8000 विद्यार्थियों को प्रवेश दिया.
ईरानी से जुलाई 2016 में कार्यभार ग्रहण करने के बाद जावेड़कर ने 10 अक्टूबर 2017 तक अकादमिक सत्र 2017-18 के लिए 15,492 सीटों के लिए सिफारिश कीं, हालांकि उनका भी विशेषाधिकार 450 सीटों के लिए ही था. हालांकि, मंत्री की सिफारिशों पर होनेवाले प्रवेश का आंकड़ा अभी केंद्रीय विद्यालयों ने तैयार नहीं किया है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक इस वर्ष भी यह लगभग 8000 होने की उम्मीद है.
केंद्रीय विद्यालयों ने आरटीआइ के जवाब में लिखा है, ‘इन वर्षों (2015-16, 2016-17 और 2017-18 में अधिकृत से अधिक सिफारिशें हमें एमएचआरडी (मानव संसाधन विकास मंत्रालय) से प्राप्त हुईं.’

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