रिहाई मंच प्रतिनिधिमंडल ने फैजाबाद के बरौली गांव में पिछले दिनों सांप्रदायिक तनाव में घायल शिराज, मुबस्सिर, अदनान और तुफैल से मुलाकात कर दोषियों के खिलाफ सख्त कारवाई की मांग की है।
प्रतिनिधिमंडल में रिहाई मंच अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब, सृजनयोगी आदियोग, राबिन, सैय्यद फारुख अहमद, साजिद, सिद्दीक मंजर, मकसूद आलम नूरी, सद्दाम अली, नागेन्द्र यादव और राजीव यादव शामिल थे। रिहाई मंच ने कहा कि रुदौली इलाके के जगत अहिर नाम के फेसबुक एकाउंट से कुरान का गलत तरीके से उल्लेख करते हुए महिला विरोधी, सांप्रदायिक टिप्पणी की गई है। इस उकसावे के साथ ही हुआ यह हमला बड़े स्तर पर सांप्रदायिक तनाव भड़काने की पूर्वनियोजित साज़िश का हिस्सा है।
रिहाई मंच ने कहा कि ईद के ठीक पहले राम नाम को तीन खंजरों से लिखकर वायरल किया गया था। रुदौली के होलूपुर में मुस्लिमों पर हुआ जानलेवा हमला उसी मानसिकता का परिणाम है। जिस तरीके से बुजुर्ग शिराज अहमद, मुबस्सिर अहमद और अदनान के सिर पर हमला किया गया उससे साफ है कि सांप्रदायिक तत्व इलाके को सांप्रदायिकता की आग में झोंकने पर उतारु हैं। ठीक इसी तरह कासगंज में भी सांप्रदायिक तत्वों को खुली छूट दी गई और एक मौत के बाद पूरे क्षेत्र को सांप्रदायिकता की आग में झोंक दिया गया। ठीक ऐसा प्रयास यहां पर भी करने की कोशिश की गई।
मंच ने कहा कि फैजाबाद बहुत ही संवेदनशील ज़िला होने के बावजूद 92 में भी यहां सांप्रदायिकता को जगह नहीं मिली। पर जिस तरीके से गांव-कस्बों में छोटी-छोटी घटनाओं को निरंतर यहां तूल दिया जा रहा है वो किसी बड़े षडयंत्र की तरफ इशारा कर रहा है। जिसको शासन-प्रशासन से संरक्षण मिल रहा है।
प्रतिनिधिमंडल ने पीड़ितों से मुलाकात के बाद कहा कि फैज़ाबाद के पटरंगा थाना के होलूपुर गांव में ईद के दो दिन पहले 14 तारीख को शाम 7 बजे के करीब जीशान नाम के एक लड़के को दीपचन्द्र यादव द्वारा रास्ते में रोककर मारपीट किए जाने के बाद यह तनाव हुआ। खुद को बचाने की जीशान की आवाज सुनकर बीच-बचाव में आए लोगों पर सांप्रदायिक तत्वों ने लाठी-डंडों द्वारा हमला बोल दिया। जीशान ने बताया कि दीपचन्द्र और उनके साथ के लोगों ने उसे जमकर मारा-पीटा और सांप्रदायिक गालियां देते हुए नाली में ढकेल दिया। जीशान ने 100 नंबर पर पुलिस को फोन करने की भी बात बताई।
प्रतिनिधि मंडल को क्षेत्र में मुलाकात के दौरान सिठौली गांव के सलीम ने बताया कि 5 जून की शाम अफ्तार के लिए घर लौटते समय मियां के पुरवा चैराहे पर चन्द्रिका और कुछ लोगों ने जबरन उनकी गाड़ी रोक ली। विरोध करने पर गाड़ी की चाभी निकाल ली और तोड़-फोड़ की। गाड़ी के शीशे भी तोड़ दिए। उन्होंने पटरंगा थाने में एफआईआर दर्ज कराने की कोशिश की लेकिन वह लिखी नहीं गई। उल्टे उनके ऊपर ही मुकदमा पंजीकृत कर दिया गया।
प्रतिनिधि मंडल ने पाया कि रुदौली के इस इलाके में लगातार हिंदू युवा वाहिनी, बजरंग दल छोटी-छोटी घटनाओं को अंजाम दे रहा है। मुस्लिम लड़कों की गाड़ी रोकी जाती है और किसी बहाने बहस में उलझाते हुए और मारपीट-गाली गलौज गाड़ी के साथ तोड़-फोड़ करते हुए सांप्रदायिक तनाव का माहौल पैदा किया जाता है। दीपचन्द्र, चन्द्रिका जैसे युवा भड़काने-धमकाने में अगुवा भूमिका निभाते हैं।
इन घटनाओं की वजह से मुस्लिम समाज में भय व्याप्त है। यह मिली-जुली आबादी का इलाका है। एक दूसरे के यहां लोगों का आना-जाना बना रहता है। राह चलते हो रही ऐसी घटनाएं स्वाभाविक रुप से एक दूसरे के प्रति अविश्वास पैदा करने लगी हैं। मुस्लिम समाज के लोग खुद भी और अपने बच्चों और खास तौर पर महिलाओं को भी ऐसे बाज़ारों में जाने से रोकने लगा है जहां बात-बेबात सांप्रदायिक तनाव हो जा रहे हैं।
स्थानीय प्रशासन सत्ता के दबाव में सांप्रदायिक तत्वों के साथ खड़ा है। जिस दीपचन्द्र यादव ने जीशान की बाईक रोककर मारपीट कर सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश की उसी तर्ज पर कुछ महीने पहले ठीक इसी तरह पास के ही मवई पेट्रोल पंप पर उसने राह चलते मार-पीट कर सांप्रदायिकता भड़काने की कोशिश की थी।