क्या भाजपा जॉइन करने के बाद बढ़ा है सिंधिया का कद

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मध्यप्रदेश की जब जब बात होती है,तो उसमें “ग्वालियर” घराने का ज़िक्र होना लाजमी हो जाता है,इसी घराने के “महाराजा” हैं ज्योतिरादित्य सिंधिया जो कांग्रेस की सरकार में मंत्री रहे हैं,और गुना लोकसभा सीट से सांसद रहे हैं,और तो और इनकी गिनती राहुल गांधी के करीबी कहा जाता था,लेकिन 2018 के चुनावों ने सब कुछ बदल दिया।

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों के परिणामों में आने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपना दावा मुख्यमंत्री पर पेश किया,लेकिन इस पद के लिए कमलनाथ को चुना गया और यही से ज्योतिरादित्य और कांग्रेस के बीच दूरियां पैदा हो गयी।

बस यही ही से सिंधिया जी भाजपा में चले गए,और अब ख़बर ये है कि भाजपा उन्हें केंद्रीय नागरिक एवं उड्डयन मंत्री बना दिया  है, तो क्या अब ये मान लिया जाए कि उनका कद कांग्रेस में रह कर नहीं बढ़ पा रहा था और अब बढ़ गया है?

मध्यप्रदेश मे भाजपा को “महाराज” का तोहफा

मध्यप्रदेश में 2018 के चुनाव हार जाने के बाद भी दोबारा से भाजपा सरकार के बन जाने का पूरी श्रेय सिंधिया ही को जाता है,उनके 16 समर्थक विधायकों के इस्तीफे के बाद कांग्रेस की सरकार गिर गयी और भाजपा सत्ता में आ गयी,और यही कारण हैं कि सिंधिया जी के समर्थक 7 विधायकों को भाजपा ने मंत्री भी बनाया गया है।

इस मुद्दे पर ट्रिब्यून हिंदी के संपादक ज़करिया खान कहते हैं कि “सिंधिया जी ने अपना लोहा भाजपा में मनवाया है, ये बात मामूली नही है, उनके समर्थक विधायकों को मंत्री बनाया गया है, उन्हें खुद राज्यसभा सांसद बनाया है,और उनको केंद्रीय मंत्री बनाया जा रहा है, ये मामूली बात नही है,और इससे भी ज़्यादा प्रदेश भर में सिंधिया जी को प्राथमिकता दी जा रही है।

इसका उदाहरण ये है कि पार्टी ने नरोत्तम मिश्रा जैसे बड़े चेहरे को पीछे कर दिया जबकि वो मुख्यमंत्री पद के दावेदार थे,ऐसा सिर्फ इसलिए किया गया क्यूंकि ग्वालियर क्षेत्र जहां से खुद सिंधिया आते हैं और उनकी अहमियत कम हो रही थी,और इस बात को शिवराज भी जानते हैं,यही वजह है कि शिवराज भी अपनी गद्दी बचाने के लिए सिंधिया जी को खुश कर रहे हैं,यही सिंधिया के कद को समझ लेने के लिए काफी है ।

“महाराज” बनाये गए केंद्रीय मंत्री

राज्यसभा से सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को मोदी कैबिनेट के विस्तार में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय दिया गया है, ये अपने आप मे भाजपा का एक बहुत बड़ा दांव है,क्योंकि हो या न ये सिंधिया के लिए एक तोहफा है।

गुना लोकसभा से सांसद रहे सिंधिया जी वैसे तो कांग्रेस की सरकार में भी मंत्री रहे हैं लेकिन एक पार्टी से दूसरी पार्टी में जाने के बाद भी केंद्रीय मंत्री तक बन जाना अपने आप मे बहुत बड़ी उपलब्धि है,और महाराज का बहुत समझदारी से भरा फैसला उन्हें इस मुक़ाम तक लाया है।

अब सच मे ये कहा जा सकता है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया का कद भाजपा में जाकर भी उतना ही बड़ा रहा जितना कांग्रेस में था,और उन्होंने इस कद को बनाये भी रखा,अब इसे कांग्रेस की कमी कहें या भाजपा की रणनीतिक जीत,लेकिन भाजपा को सिंधिया से और सिंधिया को भाजपा से फायदा बहुत हुआ है।

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