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लगातार दो बार हार गए हैं, तो कांग्रेस नहीं देगी 2018 में टिकट

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राजस्थान में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर कांगेेस ने अपनी तैयारियां शुरु कर दी है. इसके चलते एआईसीसी ने उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया का काम भी अंदरूनी रूप से  शुरु कर दिया गया है.
कांग्रेस जीत के लिए इस दफा भी लगातार दो बार हारने वाले नेताओं को टिकट नहीं देने का फार्मूला अपनाने जा रही है, जिसके चलते राजस्थान में कई नेताओं का टिकट कट सकता है.

गुजरात में यह फार्मूला सफल होने के बाद राहुल गांधी इसे राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में सख्ती से लागू कर सकते हैं.
अगर ऐसा किया जाता है तो राजस्थान के करीब 20 नेता टिकट की रेस से बाहर हो जाएंगे. लगातार दो बार हारने वाले नेताओं में पूर्व पीसीसी चीफ डॉ बीडी कल्ला, डॉ. चंद्रभान, रिछपाल मिर्धा, संयम लोढा, चंद्रशेखर बैद, आलोक बेनीवाल, रामचंद्र सराधाना और ममता शर्मा जैसे नाम शामिल हैं.
ज्ञात रहे कि यह फार्मूला पिछली बार भी लागू होने का दावा किया था, लेकिन ऐन वक्त पर दो बार हारे कईं नेताओं को टिकट दे दिया गया था.
विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक इस बार राहुल गांधी इस फार्मूले के तहत ही टिकट चयन करेंगे और किसी को भी कोई छूट नहीं दी जाएगी.
हालांकि अगर फार्मूले की जद में आने पर उस सीट पर अन्य जिताऊ प्रत्याशी नहीं मिलता है तो फिर जरुर दो बार हारे हुए नेताओं के रिश्तेदार को मौका देने का रास्ता निकाला जा सकता है.
अंत में सिर्फ एक-दो सीटों पर जातिगत-सियासी समीकरण साधने के लिए दो बार हारे नेताओं को मौका दिए जाने की भी चर्चाएं हैं. हाल ही में प्रदेश नेतृत्व ने ऐसे नेताओं की सूची दिल्ली में राहुल गांधी के दफ्तर में भेज दी है, जिसके बाद लगातार दो बार हारने वाले नेताओं की धड़कने तेज हो गई है.
 

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