एक तरफ ‘नरेन्द्र मोदी’ गुजरात जीत को ‘विकास’ का मन्त्र बता रहे थे. वहीं दूसरी तरफ बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने इस जीत का साम्प्रदायिककरण कर विकास के दावों की हवा निकाल दी. सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा कि ‘नमो की नीति पर मुहर, गुजरात में ‘हज’ पर ‘राम’ की जीत.
नमो की नीति पर मुहर, गुजरात में ‘हज’ पर ‘राम’ की जीत pic.twitter.com/kpH43KXg0J
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) December 18, 2017
हालांकि सुशील मोदी ने बेतुका सपष्टीकरण देते हुए ‘ह’ से हार्दिक को बताया और ‘ज’ से जिग्नेश. वहीं विजय रुपाणी के सरनेम आर अमित शाह के नाम के पहले अक्षर ए और पीएम मोदी के सरनेम एम को जोड़कर तीनों को ‘राम’ शब्द से संबोधित किया
गुजरात के सभी बड़े व्यापारिक केन्द्रों में कांग्रेस ने काफी जोर लगाया. नोटबंदी और जीएसटी को मुद्दा बनाया गया. राहुल गांधी ने जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स करार दिया. मगर अहमदाबाद की 21 में से 17, सूरत की 16 में से 15 और बड़ौदा की 10 में से 9 सीट पर बीजेपी की जीत हुई है.
गुजरात का जनादेश साबित करता है कि विकास पागल नहीं हुआ, बल्कि नोटबंदी, जीएसटी और बुलेट ट्रेन का विरोध करने वाले लोग प्रधानमंत्री से ईर्ष्या करने में पागल होकर भाषा की मर्यादा तक खो चुके थे। द्वारिकाधीश और सोमनाथ की धरती पर मंदिर विरोधियों की पराजय तो तय थी। pic.twitter.com/D9fBhdyAB5
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) December 18, 2017