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घृणा गैंग की दुष्प्रचार फैक्ट्री की भेंट चढ़ने से बचे एक मुस्लिम बुज़ुर्ग !

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देश में घृणा गैंग और समाज कंटकों की दुष्प्रचार फैक्ट्री ने मुल्क की शांति और सौहार्द को पलीता लगाने के लिए सोशल मीडिया को एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है, इसकी पहली सबसे बड़ी मिसाल यूपी के मुज़फ्फरनगर दंगों से पहले पाकिस्तान के कथित वीडियो को यूपी का बताकर उन्माद फैलाया जाना था !
अब इन अमन के दुश्मनो के मुंह खून लग गया है, और इन्हे एक ऐसा औज़ार मिल गया है, जिसके ज़रिये ये मूढ़ और खून के प्यासे लोगों को उकसा बहका कर कहीं भी कुछ ही घंटों में दंगा, क़त्ल, और मारपीट या चरित्र हनन आसानी से करने लगे हैं !
ठीक ऐसा ही कुछ 31 जुलाई 2017 को राजस्थान के बूंदी ज़िले के हिण्डोली क़स्बे में शुरुआत हुई, जब अचानक से एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ और उस वीडियो को लेकर क़स्बे में तनाव और हंगामा हो गया !
{पहला स्क्रीन शॉट घटना के 20 दिन बाद बुज़ुर्ग अब्दुल वहीद की बेगुनाही बयान करता है और दूसरा स्क्रीन शॉट झूठे वीडियो के वायरल किये जाने पर उन बुज़ुर्ग की गिरफ़्तारी और नीलाम होती इज़्ज़त को बयान करता है}

वीडियो वायरल होने के बाद गिरफ्तार किये गये निर्दोष बुजुर्ग की गिरफ़्तारी वाली न्यूज़ पर भास्कर की कटिंग


 
इस वीडियो में एक मुस्लिम बुज़ुर्ग बच्ची से दुष्कर्म करने की कोशिश कर रहा था, पुलिस ने वीडियो की जांच और बच्ची के पिता की रिपोर्ट के बाद कस्बे के ही अब्दुल वहीद के खिलाफ धारा 376 पोस्को एक्ट में मामला दर्ज कर पहले पूछताछ के लिए बुलाकर छोड़ दिया, फिर बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया।
अब्दुल वहीद का कस्बे में कपड़े और मेडिकल का बिजनेस है, पुलिस ने तड़के करीब पांच बजे उसे घर से उठाया और दो घंटे की पूछताछ के बाद छोड़ दिया.
इस तरह छोड़े जाने से आक्रोशित उन लोगों की योजना चौपट होने लगी जिन्होंने इन बुज़ुर्ग को सुनियोजित तरीके से बदनाम करने की योजना बनाई थी, अत: क़स्बे में जमकर हंगामा किया गया !
भीड़ बुज़ुर्ग की गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन करने लगी, भीड़ ने नारेबाजी करते हुए आरोपी के पुतले के साथ जुलूस निकाला और पुतला जलाया, भीड़ नारेबाजी करते हुए थाने पहुंच गई !
अंतत: दबाव के चलते और बच्ची के पिता की रिपोर्ट पर कस्बे के अब्दुल वहीद के खिलाफ पोस्को एक्ट धारा 376 के मामला दर्ज कर आरोपी को पहले राउंडअप कर पूछताछ की गई और बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया !
अब जाकर आज ये भेद खुला है कि वो वीडियो हिण्डोली का न होकर ‘बुलंदशहर के खुर्जा’ का है !
पुलिस ने दो बार जांच करने के बाद वीडियो के वायरल सच का खुलासा किया है। पुलिस के मुताबिक यह वीडियो हिंडोली का नहीं बल्कि बुलंदशहर के खुर्जा का है, जहां की पुलिस ने इस मामले में पहले ही एक बुजुर्ग को गिरफ्तार कर लिया था।

वास्तविकता सामने आने पर दैनिक भास्कर के द्वारा जारी किये गये खंडन की कटिंग


अब बूंदी के एसपी खुद कह रहे हैं कि पुलिस से गलती हुई है। वीडियो हिंडोली की नहीं खुर्जा की है। एसपी आदर्श सिद्धू ने बताया कि इस संबंध में बुलंदशहर के खुर्जा स्थित शहर कोतवाली में एफआईआर दर्ज है, जिसके नंबर 240/17 हैं। इस मामले में वहां का आरोपी अभी जेल में बंद है।
उस केस की फाइल में भी यही वीडियो सीडी लगी है। कुछ महीने पहले इससे जुड़ी खबरें भी वहां चुकी है। बूंदी पुलिस ने एफआईआर की प्रमाणित प्रतिलिपि और दूसरी चीजें वहां से जुटाई हैं।
अब सवाल ये उठता है कि इस चरित्र हनन की भरपाई कौन करेगा ? सुनियोजित साजिश में शामिल लोगों पर कार्रवाही कैसे होगी ?
उस वीडियो को वायरल कर उस बुज़ुर्ग का बताने और पुलिस पर दबाव बनाने वाले लोगों और संगठनों पर तथा उस बालिका के पिता पर भी कड़ी कार्रवाही हो जिसने झूठी रिपोर्ट लिख कर उस बुज़ुर्ग को जेल पहुँचाया था !
यदि ऐसा नहीं होता है तो कल को ये दुष्प्रचार फैक्ट्री फिर किसी संभ्रांत नागरिक का चरित्र हनन कर बीच चौराहे नंगा कर देगी !
एक बात और वो ये कि इस पूरी कहानी में पुलिस और मीडिया भी बराबरी की दोषी है, आज के सूचना क्रांति के युग में किसी भी वायरल वीडियो, फोटो या खबर को बिना तथ्य जाने, बिना पड़ताल किये सौ फ़ीसदी सच मान कर कार्रवाही करना, पीड़ित के साथ अन्याय ही है, ऐसा करके पुलिस और मीडिया भी उस दुष्प्रचार फैक्ट्री के कंटकों की मदद ही करती है, यदि इस वीडियो की फ़ौरन ही जांच की जाती तो बुज़ुर्ग अब्दुल वहीद की इज़्ज़त बीच चौराहे नीलम नहीं होती ना ही उन्हें जेल जाना पड़ता !
संभल जाइये घृणा फैक्ट्री का ये ट्रेंड बहुत खतरनाक है !!
1 अगस्त 2017 को बुज़ुर्ग अब्दुल वहीद की गिरफ़्तारी की खबर आप यहाँ पढ़ सकते हैं :
http://epaper.bhaskar.com/detail/1247037/8132112403/text/16/08-01-2017/1/map/0/
इस ड्रामे के झूठा निकल जाने की खबर दैनिक भास्कर के epaper में आप यहाँ पढ़ सकते हैं :
http://epaper.bhaskar.com/detail/1258694/8202211578/0/map/tabs-1/08-20-2017/16/1/image/
और विस्तार से टेक्स्ट के रूप में इस लिंक पर भी पढ़ सकते हैं :
http://epaper.bhaskar.com/detail/1258694/8202211578/text/16/08-20-2017/1/map/0/