गरीब के घर में नहीं था दरवाज़ा, तिरंगे को बनाया पर्दा तो पुलिस ले गई थाना

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यह खबर मूलरूप से जनसत्ता अखबार के न्यूज़ पोर्टल पर पब्लिश हुई थी, हमारी टीम ने इसे वहीं से इस खबर को लिया है
मुजफ्फरनगर के रामपुरी इलाके में रहने वाला शाहरुख शहर के रेलवे स्टेशन पर एक कुली का काम करता है और बिना पढ़ा लिखा है। 15 अगस्त के बाद एक दिन वह अपने काम से घर से लौट रहा था, तभी उसकी नजर एक तिरंगे झंडे पर पड़ी।
तिरंगा झंडा अच्छा खासा बड़ा था और शायद इंडिपेंडेंस डे के बाद किसी ने उसे यूं ही छोड़ दिया था। शाहरुख जिस किराए के मकान में रहता था उसमें दरवाजा नहीं था, जिसके चलते धूप घर में आती थी। शाहरुख ने सोचा कि वह इस तिरंगे झंडे को घर के दरवाजे पर लटकाकर अपने 6 लोगों के परिवार को धूप से बचा सकेगा।
बस यही सोचकर शाहरुख ने तिरंगा उठाया और उसे घर लाकर अपने दरवाजे की जगह पर टांग दिया। करीब 22 दिन बाद यानि कि 5 सितंबर को पुलिस और शिव सेना के कुछ लोग शाहरुख के घर पहुंचे और राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने और नेशनल ऑनर एक्ट 1971 का उल्लंघन करने के चलते उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
शाहरुख के बूढ़े माता पिता और उसकी पत्नी नगमा ने बताया कि उन्हें नहीं पता था कि तिरंगा झंडा इस तरह लटकाना अपराध है। बता दें कि इस परिवार में रहने वाले सभी लोग अनपढ़ हैं और शाहरुख के 2 बच्चे हैं और वो भी स्कूल नहीं जाते हैं। शाहरुख घर का अकेला कमाऊ सदस्य है।
शाहरुख के पिता का कहना है कि “मेरा बेटा अगर जानता कि उसने देश का अपमान किया है तो वो ऐसा कभी नहीं करता।” वहीं शाहरुख की गिरफ्तारी के बाद नगमा ने कहा कि मेरे पति ही घर में कमाने वाले इकलौते व्यक्ति हैं, जो कुली का काम कर थोड़ा बहुत कमा पाते हैं। उनकी गिरफ्तारी के बाद हमारा गुजारा कैसे चलेगा।
हमारे पड़ोसी हमारे लिए खाने का इंतजाम कर रहे हैं। वहीं इस पूरे मुद्दे पर शाहरुख के पड़ोसी इकबाल का कहना है कि जो भी शाहरुख ने किया, वह भूल से किया। पुलिस उसे चेतावनी भी दे सकती थी। देशभर के कॉलेजों को UGC का आदेश: 29 सितंबर को मनाएं ‘सर्जिकल स्ट्राइक डे’ यूजीसी यानी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने देशभर की यूनिवर्सिटीज को ‘सर्जिकल स्ट्राइक दिवस’ मनाने का आदेश दिया है।
शिवसेना की मुजफ्फरनगर यूनिट के पदाधिकारी लोकेश सैनी का कहना है कि “हम इस बात पर यकीन नहीं कर सकते कि वह इतना अनपढ़ था कि अपने राष्ट्रीय ध्वज को ना पहचान सके।
जो जवान देश की रक्षा में अपने प्राणों का बलिदान करते हैं, उनके शरीर को इस राष्ट्रीय ध्वज में लपेटा जाता है। लेकिन शाहरुख के लिए यह सिर्फ कपड़े का टुकड़ा था, जो उसके परिवार को सूरज की गर्मी से बचा रहा था।” शाहरुख की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने राष्ट्रीय ध्वज को कब्जे में ले लिया है।
कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय ध्वज को सबूत के तौर पर पेश किया जाएगा। बता दें कि बीती 11 सितंबर को शाहरुख जमानत पर रिहा होकर अपने घर वापस आया था और उसके अगले दिन से ही शाहरुख और उसका पूरा परिवार घर खाली कर कहीं चला गया है और यह परिवार कहां गया है, इसकी किसी को जानकारी नहीं है।
साभार- जनसत्ता

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