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FRDI बिल पर जेटली की सफाई

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गुजरात चुनाव की राजनीतिक गहमागहमी के बीच बैंकों को लेकर एक नया बिल को लेकर सरकार जो तैयारी कर रही थी. उस बिल की इस समय मीडिया में काफी चर्चा में है. इस बिल का नाम है फाइनेंशियल रेज़्यूलेशन एंड डिपोज़िट इंन्श्योरेंस बिल(एफआरडीआई).
इस नए बैंक डिपॉजिट बिल के एक प्रावधान के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को यह अधिकार दिया जा सकता है कि दीवालिया होने की स्थिती में बैंक खुद ये तय करेगा कि जमाकर्ता को कितने पैसे वापस करना है. यानि की अगर बैंक डूबता है तो जमाकर्ता के सारे पैसे भी डूब सकते हैं.
इस बिल के चर्चा की आग की तरह फैलने के बाद ऑनलाइन पेटीशन का दौर शुरू हो गया है.  जिसके बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली की सफाई आई है कि इससे बिल से कम रकम जमा करने वाले उपभोक्ताओं को कोई नुकसान नहीं होगा. जेटली ने कहा कि सरकार इस बात के लिए प्रतिबद्ध है कि वो जमाकर्ताओं के धन की रक्षा करेगी.
करीब  63%  भारतीयों ने अपना पैसा सार्वजनिक या सरकारी बैंकों में जमा कर रखा है. और  केवल 18% लोगों ने ही प्राइवेट बैंक में अपना पैसा जमा किया है.

क्या था पुरा मामला

केंद्र की मोदी  सरकार एक ऐसा बिल लेकर आने की तैयारी में हैं जो यदि पास हो गया तो आपके बैंक में जमा धन पर आपका हक खत्म हो जाएगा. यदि बैंक दिवालिया हो गया तो हो सकता है कि उस बैंक में जमा आपके गाढे कमाई की रकम आप खुद ही नहीं निकाल सकें.
मोदी सरकार ने फाइनेंशियल रेजोल्यूशन एंड डिपॉजिट इंश्योरेंस (एफआरडीआई) बिल -2017 का मसौदा तैयार किया  है जिसे इसी शीत सत्र में संसद में रखे जानें की बात भी  है, अगर ये बिल पास हो गया तो बैंकिंग व्यवस्था के साथ-साथ आपके लिए कई चीजों में बदलाव हो जाएगा.
इस मैसोदे का बड़ा प्रश्‍न यहां बैंकों में रखे आपके पैसे को लेकर है. यह बिल बैंक को अधिकार देता है कि वह अपनी वित्तीय स्थ‍िति बिगड़ने की हालत में आपके जमा पैसे लौटाने से मना कर दे और इसके बदले आपको सिक्योरिटीज अथवा शेयर उपलब्ध कराये.
संसद के दोनों सदनों में पुख्ता बहुमत के कारण यह बिल आसानी से पास होकर नया कानून भी बन जाएगा. इससे पहले इस बिल को केन्द्र सरकार ने मानसून सत्र के दौरान संसद में पेश किया था और तब इसे ज्वाइंट पार्लियामैंट्री कमेटी के पास सुझाव के लिए भेज दिया गया था. अब एक बार फिर केन्द्र सरकार ज्वाइंट पार्लियामैंट्री कमेटी के सुझावों को देखते हुए नए बिल का प्रस्ताव संसद में पेश करेगी.

क्या है एफआरडीआई बिल

फाइनेंशियल रेजोल्यूशन एंड डिपॉजिट इंश्योरेंस (एफआरडीआई) बिल -2017 को  वित्तीय संस्थानों के दिवालिया होने की स्थिति से निपटने के लिए बनाया गया है. जब भी कोई  बैंक अपना कारोबार करने में सक्षम नहीं होगा और वह अपने पास जमा आम लोगों के पैसे लौटा नहीं पाएगा, तो उस बैंक को इस संकट से उभारने में मदद करेगा ये एफआरडीआई बिल. किसी भी बैंक, इंश्योरेंस कंपनी और अन्य वित्तीय संस्थानों के दिवालिया होने की स्थ‍िति में उसे इस संकट से उभारने के लिए यह कानून लाया जा रहा है.
 

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