डरें नहीं, ओमिक्रोन बढ़ाएगा इम्युनिटी ?

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Sushma Tomar

कोरोना के नए वैरियंट ओमिक्रोन के तेज़ी से बढ़ रहे संक्रमण को लेकर लोग और सरकारें दोनों चिंता में हैं। तीसरी लहर देश में दस्तक दे चुकी है। आने वाले दिनों में रोज़ना एक लाख से ज़्यादा केस आने की संभावना जताई जा रही है। जनवरी के अंत तक तीसरी लहर के पीक पर होने की भी आशंका हैं। लेकिन दूसरी ओर कुछ रिसर्चर ओमिक्रोन को वरदान के तौर पर देख रहें हैं।

सुरक्षा की दृष्टि से दिल्ली, महाराष्ट्र और केरल आदि राज्यों ने पाबंदियां लगा दी हैं। 5 जनवरी को पूरे देश में कोरोना के मामले 58, 097 दर्ज हुए हैं। वहीं दिल्ली में 5,481, मुंबई में 10, 860, बेंगलुरु में 2,053, कोलकाता में 4,759 और चेन्नई में 1,489 केस सामने आए हैं। इसमें ओमिक्रोन के सबसे ज़्यादा केस महाराष्ट्र और दिल्ली में आए हैं।

डरें नहीं, ओमिक्रोन बढ़ाएगा इम्युनिटी ?

ओमिक्रोन वैरियंट के सामने आने के बाद ही WHO ने दुनिया भर को चेताया था। ओमिक्रोन में हुए 50 से ज़्यादा बदलावों और इसके तेज़ी से फैलने के कारण इस वैरियंट को घातक माना जा रहा है। लेकिन एम्स
(All india institute of medical science) के रिसर्चर डॉ संजय राय के मुताबिक ओमिक्रोन वैरियंट से घबराने की ज़रूरत नहीं है।

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ये हमारे लिए अभिशाप के स्थान पर वरदान साबित हो सकता है। दरअसल, एम्स में कोवैक्सिन के ट्रायल को लीड करने वाले कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के प्रोफ़ेसर डॉ संजय राय का कहना है कि साक्ष्य कहते हैं कि जब किसी वायरस में कई बार बादलाव होते हैं तो वायरस कमज़ोर हो जाता है जो ओमिक्रोन के साथ देखने को मिल रहा है। ओमिक्रोन जिन्हें संक्रमित कर रहा है, वो लोग असल में बीमार नहीं हो रहे हैं बल्कि उनमें ये वैरियंट नेचुरल इम्युनिटी पैदा कर रहा है।

इसलिए हमें टेस्टिंग पर संसाधन बर्बाद करने के स्थान पर उस पैसे का इस्तेमाल इंफ्रास्ट्रक्चर पर करना चाहिए। ओमिक्रोन का संक्रमण तेज़ है इसलिए ये बहुत तेज़ी से फैलेगा। इसे रोक पाना सम्भव नहीं है। लेकिन इसके सिम्टम्स बहुत माइल्ड हैं। ध्यान इस पर देना होगा कि प्रोकोशन को लेकर ढील न बरती जाए। खुद को वायरस से बचाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।


ओमिक्रोन कोई प्राकृतिक टीका नहीं है :

NBT में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने हाल में एक दावा किया था कि ओमिक्रोन एक नेचुरल टिके के तौर पर काम करेगा। लेकिन PTI के मुताबिक, विशेषज्ञों का मानना है कि ओमिक्रोन को एक नेचुरल टीके के तौर पर सोचना एक खतरनाक विचार हो सकता है।


कोरोना फैलाने वाले गैर-जिम्मेदार लोग हैं, जो संक्रमण के बाद होने वाली परेशानियों पर ध्यान नहीं देते। ओमिक्रोन के अभी तक के मामलों में अस्पताल में भर्ती करने की ज़रूरत नहीं पड़ी है। वहीं मौत का आंकड़ा भी कम है। जिसके कारण लोग नेचुरल टिके की धारणा को जन्म दे रहें हैं।


कहाँ क्या खुला और किस पर लगी रोक :

दिसंबर के आखिरी हफ़्ते में दिल्ली सरकार ने ओमिक्रोन के संक्रमण को लेकर नाईट कर्फ़्यू लगाया था। साथ ही दिल्ली की DTC बसों और मेट्रो को 50 % क्षमता के साथ चलाने की घोषणा भी की थी। वहीं दुकानों को ओड इवन के हिसाब से खोलने के निर्देश दिए थे। लेकिन मंगलवार को DDMA की बैठक में लिए गए फैसलों के अनुसार अब दिल्ली में नाईट कफ्यू के साथ- साथ वीकेंड कर्फ्यू भी लगाया गया है।

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यानी अब हर शनिवार और रविवार दिल्ली में लॉक डाउन जैसी स्थिति होगी। सरकारी और प्राइवेट ऑफिस 50 % क्षमता के साथ खुलेंगे वहीं अन्य 50 % ऑनलाइन या वर्क फ्रॉम होम करेंगे। DTC बसों और मेट्रो को पूरी 100% क्षमता के साथ खोल दिया गया है। बात मुम्बई की कि जाए तो दिसम्बर के अंत में 15 जनवरी तक कि पाबंदियां लगा दी गयी थी। इनमें CRPC की धारा 144 को लागू किया गया है। शाम 5 से लेकर सुबह 5 बजे तक का समुद्री किनारों, पार्को, सार्वजनिक स्थानों पर जाने पर रोक है।

शादी- विवाह, सांस्कृतिक, धार्मिक, राजनीतिक कार्यक्रम जो खुले स्थानों पर या बन्द स्थानों पर हो में सिर्फ 50 लोगो को जाने की अनुमति हैं। अंतिम संस्कार में 20 लोगो की अनुमति दी गयी है। वहीं अगर जो व्यक्ति महामारी रोग अधिनियम (1897) ,
आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 या किसी दूसरे कानून का उल्लंघन करता है तो IPC की धारा 188 के तहत दंडित किया जाएगा।

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