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चुनाव आयोग ने फेरा भाजपा की रणनीति पर पानी

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गुजरात में लोकतंत्र का महापर्व  की घड़ी  ज्यों ज्यों नजदीक आ रही  है त्यों त्यों  सूबे का पारा चढ़ रहा है. सभी पार्टी अपना जौरशोर  से लोक लुभावने वादों के साथ मैदान में हैं. आरोप प्रत्यारोप भी खुब लग रहे हैं. अब इमें चुनाव आयोग भी कूद गया है अपने आदेश के जरिये.

फाइल फोटो


जी हाँ, ठीक सुन रहे , गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से पहले चुनाव आयोग ने बड़ा आदेश दिया है. आयोग ने कहा है कि हाल ही में 178 वस्तुओं पर लगने वाले कर में कटौती के फैसले का प्रचार-प्रसार न किया जाए.
भाजपा  इस फैसले को राज्य में भुनाने में लगी हुई थी. चुनाव आयोग का मानना है कि इससे वोटरों को प्रभावित किया जा सकता है. हालांकि सरकार बिना किसी ख़ास वस्तु या सेवा का नाम लिए टैक्स को आसान बनाने की प्रक्रिया के बारे में बता सकती है.
ज्ञात रहे कि, नोटबंदी और जीएसटी गुजरात विधानसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा हैं.  और राहुल गांधी हर चुनावी रैली में जीएसटी और नोटबंदी को लेकर केंद्र सरकार और पीएम मोदी पर निशाना साधते हैं. वहीं जीएसटी का गुजरात के व्यापारियों ने अच्छा खासा विरोध किया था. उसी समय कई लोगों ने बढ़ती महंगाई की वजह से भी केंद्र सरकार के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया.
गुजरात चुनाव में इसका नुकसान बीजेपी को उठाना पड़ सकता था कि लेकिन इसी बीच केंद्र सरकार ने  जीएसटी परिषद की बैठक में 178 चीजों के टैक्स में कटौती कर दी गई और अब केवल 57 चीजें ही ऐसी बची हैं जो 28 फीसदी टैक्स स्लैब में आती हैं.
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