भारतीय टीम ने अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्ड कप जीत लिया है. शनिवार 3 फरवरी को हुए फाइनल मैच में उसने ऑस्ट्रेलियाई चुनौती को ध्वस्त कर सर्वाधिक चौथी बार अंडर-19 वर्ल्ड कप पर कब्जा जमाया.भारत ने ऑस्ट्रेलिया को माउंट माउंगानुई के बे ओवल ग्राउंड पर खेले गए फाइनल में 8 विकेट से हरा दिया. ऑस्ट्रेलिया ने पहले बैटिंग करते हुए भारत को 217 रन का टारगेट दिया था. ऑस्ट्रेलिया की पूरी टीम 47.2 ओवर में 216 रन पर आउट हो गई. भारत ने 11 ओवर बाकी रहते मैच जीत लिया.मैच में शानदार शतक बनाने के लिए मनजोत को “मैन ऑफ द मैच” तथा पूरे टूर्नामेंट में शानदार बल्लेबाजी करने वाले शुभमन को “मैन ऑफ द सीरीज” के खिताब से नवाजा गया.
भारतीय टीम आखिरी बार 2012 में उन्मुक्त चंद की कप्तानी में चैंपियन बनी थी.
पृथ्वी शॉ की कप्तानी में भारतीय टीम पूरे टूर्नामेंट में अविजित रही. उसने बिना कोई मैच गंवाए फाइनल तक का सफर तय किया और खिताबी मुकाबले में कंगारुओं को चारों खाने चित कर दिया.
मजे की बात है कि टीम इंडिया ने अपने अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्ड कप-2018 की शुरुआत ऑस्ट्रेलिया को हराकर की थी और उसे ही मात देकर चैंपियन बनी.
भारत की दमदार शुरुआत
कप्तान पृथ्वी शॉ और मनजोत कालरा ने भारत को तेज शुरुआत दिलाई. दोनों के बीच 71 रन की पार्टनरशिप हुई. सदरलैंड ने शॉ को बोल्ड कर ऑस्ट्रेलिया को पहली सफलता दिलाई. शॉ ने 41 बॉल पर 29 पर बनाए. शॉ के आउट होने के बाद बैटिंग करने आए पिछले मैच में शतक लगाने वाले शुभमन गिल. गिल को भारतीय मूल के उप्पल आउट किया. शुभमन गिल ने 31 की पारी खेली. कालरा (101) और हार्विक देसाई (47) नॉटआउट रहे.
फ़ीकी रही ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी
भारतीय बॉलरों ने कमाल की बॉलिंग की और ऑस्ट्रेलिया को बड़ा स्कोर नहीं बनाने दिया. ईशान पोरेल, अनुकूल रॉय, कमलेश नागरकोटी और शिवा सिंह ने 2-2 विकेट अपने नाम किए. शिवम मावी को एक विकेट मिला. भारत ने अभी तक हुए मैचों में हर टीम को ऑलआउट ही किया है.
दोनों टीमों का फाइनल तक का सफर
भारत
– पहला मैच 100 रन से ऑस्ट्रेलिया को हराया.
– 10 विकेट से पापुआ न्यूगिनी को हराया.
– 10 विकेट से न्यूजीलैंड पर जीत दर्ज की.
– क्वार्टर फाइनल में 131 रन से बांग्लादेश को हराया.
– सेमीफाइनल में भारत 203 रन से पाकिस्तान से जीता.
ऑस्ट्रेलिया
– पहला 100 रन से भारत से मिली हार.
– दूसरा मैच 07 विकेट से जिम्ब्बावे को हराया.
– तीसरा मैच 311 रन से पापुआ न्यूगिनी को हराया.
– क्वार्टर फाइनल में 31 रन से इंग्लैंड को हराया.
– सेमीफाइनल 6 विकेट से अफगानिस्तान से जीता.
कौन हैं टीम इंडिया के मैच विनर्स?
1. शुभमन गिल
टॉप ऑर्डर बैट्समैन हैं. क्रिकेट एनालिस्ट शुभमन में कोहली जैसा स्ट्रोक प्लेयर देख रहे हैं.कंसिस्टेंस परफॉर्मेंस रही है. सेमीफाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ शतक लगाया.टूर्नामेंट के 6 मैचों में शुभमन ने 1 शतक और 3 अर्धशतकों के साथ 372 रन बनाये.उनका उच्चतम स्कोर 102 रन रहा.
2. पृथ्वी शॉ
कैप्टन के रोल में टीम को अब तक अच्छी तरह लीड किया है. विस्फोटक ओपनर हैं और अब तक टीम को अच्छी शुरुआत दिलाने में सफल रहे हैं.टूर्नामेंट के 6 मैचों में पृथ्वी ने 2 अर्धशतकों के साथ 261 रन बनाये. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले मैच में 94 रनों की पारी उनका उच्चतम पारी थी.
3.अनुकूल रॉय
लेफ्ट आर्म स्पिनर अनुकूल टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले इंडियन बॉलर रहे.टूर्नामेंट के 6 मैचों में अनुकूल ने 3.84 के इकोनॉमी रेट से 14 विकेट अपने नाम किये.उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 5/14 रहा.
4.शिवम मावी
जबरदस्त फास्ट बॉलर हैं. 145 प्लस की रफ्तार से गेंद फेंकते हैं और टीम को ब्रेकथ्रू दिलाने में अब तक कामयाब रहे हैं.टूर्नामेंट के 6 मैचों में 3.77 के इकोनॉमी रेट से 9 विकेट अपने नाम किये.उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 3/45 रहा.
5.कमलेश नागरकोटी
150 तक की रफ्तार से गेंद फेंक सकते हैं.रफ्तार की वजह से नागरकोटी को बाड़मेर एक्सप्रेस कहा जाता है. मैच के किसी भी दौर में विकेट लेने की काबिलीयत रखते हैं.टूर्नामेंट में खेले गए 5 मैचों में कमलेश ने 3.19 के इकोनॉमी रेट से 9 विकेट अपने नाम किये.उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 3/18 रहा.
कौन कितनी बार चैंपियन
1. भारत 4 बार ( 2000, 2008, 2012, 2018)
2. ऑस्ट्रेलिया 3 बार (1988, 2002, 2010)
3. पाकिस्तान 2 बार (2004, 2006)
4. इंग्लैंड 1 बार (1998)
5. दक्षिण अफ्रीका (2014)
6. वेस्टइंडीज (2016)
अंडर-19 वर्ल्ड कप जीतने वाले भारतीय कप्तान
1. पहले कप्तान मो. कैफ (फाइनल में श्रीलंका को 6 विकेट से हराया)
2. दूसरे कप्तान विराट कोहली (फाइनल में साउथ अफ्रीका को 12 रनों से हराया, डी/एल मेथड)
3. तीसरे कप्तान उन्मुक्त चंद (फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को 6 विकेट से हराया)
4. चौथे कप्तान पृथ्वी शॉ (फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को 8 विकेट से हराया)
रंग लाई गुरु द्रविड़ की मेहनत
वर्ल्ड कप जीताने में कोच राहुल द्रविड़ का बहुत बड़ा हाथ है. उन्होंने टैलेंट की पहचान दो-तीन साल पहले कर दी थी. उस पर मेहनत की और बड़े स्टेज के लिए तैयार किया. टीम को पर्याप्त एक्सपोजर दिया.ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड के दौरे हुए.उन्होंने खिलाड़ियों को फर्स्ट क्लास क्रिकेट में एंट्री लेने में मदद की, ताकि वे कठिन मुकाबले के लिए तैयार हों. टीम के छह खिलाड़ी फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेल चुके हैं.
जैसा राहुल द्रविड़ अपने खेल के साथ साथ शानदार बर्ताव के लिए जाने जाते है, उनके शिष्यों ने भी खेल ही नहीं बर्ताव से भी सबका ध्यान आकर्षित किया.
सेमीफाइनल जैसे अहम मुकाबले में अनुकूल राॅय के बल्ले से एज लेकर गेंद विकेटकीपर के पास गई. अंपायर ने आउट नहीं दिया, लेकिन अनुकूल पवेलियन लौट गए.पूरे टूर्नामेंट के दौरान किसी भी मैच में भारतीय खिलाड़ियों ने जरूरत से ज्यादा एग्रेशन नहीं दिखाया. आईपीएल ऑक्शन में टीम के कई खिलाड़ी करोड़पति बने. द्रविड़ ने समझाया, आईपीएल हर साल है, यह वर्ल्ड कप सिर्फ एक बार होगा.