0

कर्नाटक के विधायकों की अयोग्यता बरकरार, पर लड़ सकते हैं उपचुनाव

Share

कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर द्वारा कांग्रेस और जेडीएस के बागी 17 विधायकों की सदस्यता निरस्त करने के फ़ैसले को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया है। इन विधायाकों की सदस्यता निरस्त होने पर इन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख इख्तियार किया था।


ज्ञात होकि जुलाई 2019 में कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर ने दलबदल कानून का उपयोग करते हुए, कांग्रेस के 14 और जेडीएस के 3 बागी विधायकों की विधानसभा सदस्यता समाप्त करते हुए इस कार्यकाल तक उनके चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सदस्यता को समाप्त करने के फ़ैसले को सही करार तो दिया पर उनके चुनाव न लड़ने के फ़ैसले को गलत बताते हुए। उन्हें चुनाव लड़ने की इजाजत दी है।


इन सीटों पर 5 दिसंबर को उपचुनाव होने हैं, सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद कांग्रेस और जेडीएस नेताओं की प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं।


कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया है- सप्रीम कोर्ट के निर्णय ने कर्नाटक में ‘ऑपरेशन कमल’ के ढोल की पोल खोल दी। अब साफ़ है कि भाजपा ने जे.डी(एस)-कांग्रेस की चुनी सरकार को जबरन गिराया था। येदयुरप्पा सरकार क़ानून और संविधान की दृष्टि से एक ‘नाजायज़’ सरकार है और उसे फ़ौरन बर्खास्त करना चाहिए।


सुरजेवाला ने फ़ैसले के बाद कई तरह की जाँचों की मांग करते हुए ट्वीट किया है – जनमत और प्रजातांत्रिक मूल्यों की माँग है कि न केवल ‘नाजायज़’ येदयुरप्पा सरकार बर्खास्त हो पर विधायकों की धन बल के आधार पर ख़रीद कर चुनी हुई सरकार गिराने के भाजपाई षड्यंत्र की जाँच हो ‘येदयुरप्पा टेप्स’ की जाँच हो। ये सारा काला धन कहाँ से आया? भाजपा नेतृत्व की क्या भूमिका थी?

कांग्रेस प्रवक्ता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित करते हुए कहा है – अब गेंद प्रधान मंत्री मोदी जी के पाले में है।

  1. क्या राजनीति की शुचिता की रोज़ दुहाई देने वाले मोदी जी अब ‘नाजायज़’ येदयुरप्पा सरकार को बर्खास्त करने का साहस दिखाएँगे?
  2. क्या ‘ऑपरेशन कमल’ की निष्पक्ष जाँच होगी?
  3. क्या येदयुरप्पा व श्री अमित शाह की भूमिका की जाँच होगी?

अब गेंद प्रधान मंत्री मोदी जी के पाले में है। 4. क्या आप अब भी इन भगोड़े विधायकों को भाजपा की टिकट देंगे,जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने ‘अयोग्य’ घोषित किया है? क्योंकि प्रधान मंत्री जी, अगर आपने ये 4 कदम नही उठाए तो राजनीति की ‘गँगा’ को मैली करने की जुम्मेवारी सदा के लिए आपकी है।

अन्य नेताओं ने भी अपनी प्रतिक्रिया कुछ यूं दी