भीड़ ने अपने हाथ से ‘न्याय’ करने का जो सिलसिला शुरू किया है वह थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी खूनी भीड़ का शिकार हरियाणा के डीआईजी विजिलेंस हेमंत कुमार हो गए। अब इस घटना का वीडियो वायरल हो गया है। हालांकि यह वीडियो दो हफ्ता पुराना है लेकिन यह बताने के लिए काफी है कि भीड़ कानून हाथ में लेकर वर्दी और पद को भी नहीं बख्श रही है।
डीआईजी हेमंत कुमार की गलती यह थी कि वे नशे में धुत थे और नशे की हालत में ही उनकी कार ने दूसरी कार को टक्कर मार दी। डीआईजी ने वर्दी की धौंस दी तो लोगों ने उन्हें पीटना शुरू कर दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार मामला 23 सितंबर का है। इस मामले में अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं कराई गई थी जिससे मामला काफी देर से घटना का वीडियो लीक होने के बाद से सामने आया।
जानकारी के मुताबिक पिंजौर थाने में एक डीडीआर दर्ज करवाया गया था, इसमें बताया गया है कि डीआईजी हेमंत कुमार और एक आदमी को स्थानीय लोगों से बहस के दौरान एक किसान, जो समझौता करवाने आया था, उसने थप्पड़ मारे थे। घटना के बाद डीआईजी हेमंत कुमार ने खुद का मेडिकल जांच और एक्स-रे भी करवाया था, जिसमें बताया गया कि उनके सिर, दांतों और चेहरे पर गंभीर चोटें आई हैं।
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने और यह मामला सामने आने के बाद पिंजोर पुलिस का कहना है कि घटना के समझौता पत्र में उस व्यक्ती का नाम तक नहीं है जिसने डीआईजी की पिटाई की थी। वायरल हुए इस वीडियो में हेमंत कुमार खुद को हरियाणा पुलिस का डीआईजी बताते हुए कह रहे हैं कि भाई गलती हो गई। हाथ जोड़कर माफी तो मांग रहा हूं और क्या करूं।
हेमंत कुमार ने बताया कि जब वे पिंजोर में अपने भाई के घर से लौट रहे थे और इस दौरान उनके दोस्त राजेश वशिष्ठ उनके साथ थे। मैं गाड़ी चला रहा था तभी एक स्कॉर्पियो ने बुरी तरह ओवरटेक किया। मैंने गाड़ी का पीछा करते हुए पीसीआर को भी फोन किया। जब मैंने उसके ड्राइवर को तीन चार थप्पड़ मारे तो पास में शराब की दुकान के पास खड़ी भीड़ मुझे मारने दौड़ पड़ी, और मुझे पीटना शुरू कर दिया।