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फांसी की सज़ा के डर से तो नहीं भागा नित्यानंद ?

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खबर है कि वह 17,000 करोड़ लेकर भागा है, इसी से वह एक हिन्दू देश बनाएगा। जिसके बाद नित्यानंद ने अपना एक देश बना लिया है. इसका नाम रखा है- कैलाशा. यह एक हिंदू राष्ट्र है। ‘कैलाशा’ का अपना पासपोर्ट है. अपना झंडा भी है, जिसपर नित्यानंद की तस्वीर के साथ नंदी बैल दिखता है. झंडे पर नित्यानंद को भगवान शंकर के अंदाज़ में दिखाया गया है. और नंदी उसकी उपासना कर रहा है।
नित्यानंद ने लैटिन अमेरिका में इक्वाडोर के पास एक द्वीप खरीदा. और ऐलान किया कि ये उसका देश है. इस ‘कैलाशा’ को धरती का सबसे महान हिंदू राष्ट्र घोषित कर दिया। ‘कैलाशा’ का दावा है कि वह दुनियाभर के हिंदुओं को, फिर चाहे वो किसी भी नस्ल, लिंग, संप्रदाय या जाति से हों, एक सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराएगा। नागरिकता कानून तो नित्यानंद ने लागू कर ही दिया।.हिंदुओ को वह एक ऐसा देश देगा, जहां वह शांति से रहकर बिना किसी तरह की हिंसा या दखलंदाजी के अपनी संस्कृति और कला का पालन कर सकते हैं। अपनी आध्यात्मिकता का इज़हार कर सकते हैं।
कैलासा की वेबसाइट के अनुसार, इनके विभाग हैं- डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट, डिपार्टमेंट ऑफ टेक्नॉलजी, डिपार्टमेंट ऑफ एनलाइटेंड सिविलाइज़ेशन, डिपार्टमेंट ऑफ ह्युमन सर्विसेज़, डिपार्टमेंट ऑफ कॉमर्स आदि आदि। कैलाशा’ वेबसाइट के मुताबिक, यहां की आधिकारिक भाषाएं हैं- अंग्रेजी, हिंदी और तमिल। इनका कहना है दुनिया का कोई भी हिंदू यहां की नागरिकता पा सकता है। . वेबसाइट पर बताया गया है कि ‘कैलाशा’ बनाने का मकसद बस इतना नहीं कि सनातन धर्म की रक्षा की जाए. बल्कि ये दुनिया को ये भी बताना चाहते हैं कि किस तरह हिंदुओं का उत्पीड़न हो रहा है।
कैलाशा सीमा रहित देश है। इसे दुनियाभर के उन हिंदुओं के लिए बनाया गया है, जो कहीं से निकाल दिए गए हैं। यहां  हर किसी के लिए मुफ़्त शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और यहां तक कि सबके लिए मुफ़्त भोजन की भी व्यवस्था रहेगी।. इनका एक मकसद मंदिर आधारित जीवनशैली को फिर से व्यवहार में लाना भी है. मतलब ऐसा जीवन, जो मंदिर और इसकी गतिविधियों के इर्द-गिर्द घूमता हो।

यहां के राष्ट्रीय प्रतीक भी हैं। जो इस प्रकार हैं।

  • राष्ट्रीय फूल- कमल
  • राष्ट्रीय पशु- नंदी
  • राष्ट्रीय पक्षी- शारबम
  • राष्ट्रीय चिह्न- परमशिवा, पराशक्ति, नित्यानंद और नंदी
  • राष्ट्रीय पेड़- बरगद
  • राष्ट्रीय बैंक- रिज़र्व बैंक, जहां क्रिप्टोकरंसी मान्य होगी.

नित्यानंद का सच यह है कि वह बलात्कार का आरोपी है और भगोड़ा है। 2010 में उसकी एक कथित सेक्स CD आई थी. इसमें वह जेल गया फिर  जमानत पर रिहा होकर बाहर आ गया। साल 2012 में फिर यह बलात्कार का आरोपी बना, और उसके मुक़दमे की सुनवाई चल रही है। अपने आश्रम के अंदर नाबालिग लड़के-लड़कियों को बंधक बनाने और उन्हें प्रताड़ित करने के भी मुक़दमे इस बाबा पर है।
पुलिस का मानना है कि शायद नित्यानंद 2018 के आख़िरी महीनों में भारत छोड़कर भाग गया। कब भागा और कैसे भागने में सफल हुआ, यह पता नहीं है।  नित्यानंद का पासपोर्ट सितंबर 2018 में एक्सपायर हो गया था। इसके बाद उसने इसे नवीनीकरण के लिये अनुरोध किया था, जो रद्द कर दी गयी थी।  हैरानी की बात है कि बिना पासपोर्ट वह देश छोड़कर कैसे बाहर भाग गया ? विदेश मंत्रालय का कहना था कि उनके पास कोई औपचारिक जानकारी नहीं है।
© विजय शंकर सिंह

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