भारत में पारित CAA कानून के खिलाफ लगभग 6 महीनों तक विरोध प्रदर्शन चला था। लोग सरकार से बिल वापस लेने की मांग कर रहे थे। खासकर दिल्ली में इस बिल के विरोध प्रदर्शन के दौरान दंगे भड़के, जिसमें दो लोगों ने अपनी जान गवाई थी।
अंतरराष्ट्रीय परिपेक्ष में अफ़गानिस्तान – तालिबान मुद्दे के कारण अब भारत में CAA बिल में संशोधन की मांग उठ रही है। पिछले 5 दिनों में अफगानिस्तान से भारत आए नागरिकों को यहां की नागरिकता देने की मांग की जा रही हैं।
इसी क्रम में दिल्ली सिख गुरुद्वारा कमेटी के प्रमुख मनजिंदर सिरसा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखकर CAA बिल में संशोधन की मांग की है।
Requesting @AmitShah ji & Govt of India for necc amendments in CAA to cover Sikhs+Hindus of Afghanistan who have taken refuge in 2020 & 2021
India has taken a humanitarian step by supporting minorities of Afghanistan & it would be great to help them by granting Indian citizenship pic.twitter.com/Q88tuwOvIc— Manjinder Singh Sirsa (@mssirsa) August 24, 2021
क्या है नागरिकता संशोधन अधिनियम?
12 दिसंबर 2019 को भारत में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) लागू किया गया था। CAA और NRC के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की एक श्रृंखला चली थी, जिसमें देशभर में केंद्र सरकार को घेरा गया था। इस अधिनियम द्वारा 1955 के नागरिकता कानून को संशोधित किया गया।
नए एक्ट के मुताबिक 31 दिसंबर 2014 के पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत लौटे हिंदू, बौद्ध, सिख, जैन, पारसी और ईसाइयों को भारत की नागरिकता आधिकारिक रूप से दी जानी है।
अफगान सिखों को नागरिकता देने की मांग
दिल्ली सिख गुरुद्वारा कमेटी द्वारा दिए गए पत्र में बताया गया है कि CAA बिल 2019 के तहत अभी अफगानिस्तान से भारत आने वाले अफगानी सिखों को नागरिकता नहीं मिल पाएगी।
जबकि लोगों का कहना है कि वह दोबारा वापस अफगानिस्तान नहीं जायेंगे। इसलिए कमेटी नागरिकता कानून में संशोधन की मांग कर रही है।
2019 के नागरिकता कानून के अंतर्गत केवल 2014 से पहले भारत आए प्रवासियों को ही नागरिकता मिल सकती है।