भाजपा भी मुस्लिम लीग के साथ गठबंधन में रह चुकी है

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वायनाड से राहुल गांधी के चुनाव लड़ने पर अनेक आरोपों के बीच एक आरोप यह भी है कि कांग्रेस का IUML मुस्लिम लीग जो केरल का एक स्थानीय दल है से गठबंधन है। अब चुनाव में जीवन से जुड़े मुद्दे चूंकि पीछे हो गए हैं और पाकिस्तान मुख्य मुद्दा के रूप में बीजेपी ने ला दिया है तो मुस्लिम लीग से गठबंधन, चांद सितारा वाला  झंडा, और हरा रंग यह सब विवाद के केंद में आ गया है।
टाइम्स ऑफ इंडिया के 2012 का एक लिंक दे रहा हूँ, जिसमें 24 फरवरी 2012 की एक खबर है जो अचानक आंखों से गुजरी तो सोचा आप सबको याद दिला दूँ। इस खबर के अनुसार नागपुर के म्युनिसिपल चुनाव में सत्ता पाने के लिये भाजपा ने आईयूएमएल मुस्लिम लीग से समझौता किया था। तब हरा रंग, चांद सितारा वाला झंडा और पाकिस्तान तीनों ही अस्तित्व में थे। अब यह कहा जा सकता है कि वह तो म्युनिसिपल चुनाव था। पर अगर सोच और सिद्धांत स्वार्थानुसार परिवर्तित होते रहते हैं तो इसे ही अवसरवाद कहा जाता है।
हुआ यह कि 2012 के नागपुर के म्युनिसिपल चुनाव में कुल 145 सीटें थीं औऱ भाजपा के पास 62 सीट थीं। पर उसे बहुमत के लिये 73 सीटों की ज़रूरत थी। भाजपा ने तब मुस्लिम लीग IUML के 2, बहुजन एकता रिपब्लिकन मंच और लोक भारती के एक एक और 10 निर्दलीयों से 76 सीटें कर के बहुमत सिद्ध किया। सत्ता चाहिये चाहे जैसे मिले।
यही नहीं पिछले महाराष्ट्र के चुनाव में जब फडणवीस सरकार को शिवसेना ने समर्थन नहीं दिया था तो विधानसभा में अकबरुद्दीन ओबैसी की पार्टी AIMIM के विधायकों ने  विधानसभा से विश्वास मत पर होने वाले मतदान से बहिर्गमन कर भाजपा की फडणवीस सरकार को बचाया था। तब शिवसेना भाजपा का गठबंधन नहीं हुआ था। दोनों में अनबन थी। यह अनबन मुख्यमंत्री पद के लिये थी। यह भी अखबारों में छपा था। आप ढूंढना चाहे तो ढूंढ सकते हैं।
भाजपा अकेला राजनीतिक दल है जो देशभक्ति के मुखौटे लगा कर भारत के लगभग उन सभी दलों के साथ समझौता कर चुका है जो अलगाववादी वायरस से संक्रमित है।पीडीपी, अकाली दल, त्रिपुरा, नागालैंड के छोटे छोटे संगठन इसमे शामिल हैं।
सभी राजनीतिक दल चुनावी लाभ हित के लिये समझौते करते हैं और भाजपा भी कोई अपवाद नहीं हो सकती है, पर यह पाखंड और देशभक्ति का तमाशा तो न करे। आज़ादी की लड़ाई में जब राष्ट्रवाद और स्वाधीनता की आवश्यकता थी तो इस दल के पुरखे संघ, और हिन्दू महासभा के लोग राजभक्ति में लीन थे। यकीन न हो तो केवल एमएस गोलवलकर की बंच ऑफ थॉट जिसका हिंदी अनुवाद विचार नवनीत है को पढ़ लें।

यहाँ पर क्लिक कर आप नागपुर में नगर निगम के लिए भाजपा और मुस्लिम लीग के गठबंधन की ख़बर पढ़ सकते हैं, जोकि टाईम्स ऑफ़ इंडिया में पब्लिश हुई थी.

( विजय शंकर सिंह )

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