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भारत में पनामा पेपर्स पर ये पहली कार्यवाही है

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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पनामा पेपर्स  मामले में शनिवार को कारोबारी और IPL के पूर्व चेयरमैन चिरायु अमीन की एक कंपनी पर छापेमारी कीगयी. फेमा कानून के तहत कंपनी के 10.35 करोड़ रुपये मूल्य का म्युचुअल फंड जब्त किया गया.
केंद्रीय जांच एजेंसी के अनुसार, उसने व्हाइटफील्ड केमटेक प्राइवेट लि. के म्यूचुअल फंड जब्त किए हैं. यह कंपनी चिरायु अमीन  और उनके परिवार के नियंत्रण वाली है और यह कार्रवाई विदेशी विनिमय प्रबंधन कानून (फेमा) की धारा 37ए के तहत की गई है.

क्या है धारा 37ए

फेमा कानून की धारा 37ए के तहत यदि कोई भी एक निर्धारित राशि के बाद विदेशी मुद्रा या विदेशी सामान का देश से बाहर लेन-देन करता है और टैक्स नहीं देता है, तो इसे कानून का उल्लंघन माना जाता है. इसके लिए प्रावधान है कि ऐसे में उसकी देश में संपत्ति को जब्त किया जा सकता है.

क्या है पनामा पेपर्स केस?

पिछले साल ब्रिटेन में पनामा की लॉ फर्म के 1.15 करोड़ टैक्स डॉक्युमेंट्स लीक हुए थे. इसमें बताया गया था कि व्लादिमीर पुतिन, नवाज शरीफ, शी जिनपिंग और फुटबॉलर मैसी ने कैसे अपनी बड़ी दौलत टैक्स हैवन वाले देशों में जमा की. लीक हुए टैक्स डॉक्युमेंट्स में इस बात का पता चला था कि कैसे दुनियाभर के 140 नेताओं और सैकड़ों सेलिब्रिटीज ने टैक्स हैवन कंट्रीज में पैसा इन्वेस्ट किया था. इन लोगों ने शैडो कंपनियां, ट्रस्ट और कॉर्पोरेशंस बनाए और इनके जरिए टैक्स बचाया था. लीक हुई लिस्ट खासतौर पर पनामा, ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड्स और बहामास में हुए इन्वेस्टमेंट्स के बारे में बताती है.सवालों के घेरे में आए लोगों ने इन देशों में इन्वेस्टमेंट इसलिए किया, क्योंकि यहां टैक्स रूल्स काफी आसान हैं और क्लाइंट की आइडेंडिटी का खुलासा नहीं किया जाता. पनामा में ऐसी 3.50 लाख से ज्यादा सीक्रेट इंटरनेशनल बिजनेस कंपनियां हैं. इसी केस के चलते पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अपना पद गवांना पड़ा था.

चिरायु अमीन के अलावा कितने भारतीय?

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इस लिस्ट में 500 भारतीयों, कंपनियों और ट्रस्ट्स के नाम थे.  अमिताभ बच्चन और ऐश्वर्या राय बच्चन भी सवालों के घेरे में आए थे. डीएलएफ के प्रमोटर केपी सिंह, इंडियाबुल्स के समीर गहलोत, गौतम अडाणी के बड़े भाई विनोद अडाणी और अंडरवर्ल्ड सरगना इकबाल मिर्ची के नाम लिस्ट में था.