टॉपर नहीं अचीवर बनें – ब्रिगेडियर जसपाल 

Share

75 वें स्वाधीनता दिवस के अवसर पर डॉ. भीमराव अंबेडकर कॉलेज (Dr. Bhim Rao Ambedkar College) में ध्वजारोहण एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में ब्रिगेडियर के. डी. जसपाल (Brigd. K.D. Jaspal), कर्नल संदीप जसपाल (Col. Sandeep Jaspal) और प्रो. सुषमा यादव (Prof. Sushma Yadav) मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहें। प्राचार्य प्रो. आर. एन. दुबे (Prof. R.N. Dubey) ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें 1947 के विभाजन की स्थिति को भी याद करने की ज़रूरत है, ताकि ऐसी स्थिति हमारे सामने पुनः न आए। हमने विश्व को यह दिखा दिया है कि भारत विभिन्न क्षेत्रों में आगे बढ़ा है।

ब्रिगेडियर के. डी. जसपाल ने अपनी बात अपने एनसीसी (NCC) के दिनों को याद करके किया। उन्होंने कहा कि किसी चीज में टॉपर होना जरूरी नहीं बल्कि अचीवर होना जरूरी है। आर्मी किसी प्रकार का प्रोफेशन नहीं है बल्कि देश के प्रति एक प्रकार की सेवा है।

यूजीसी सदस्य (UGC Member) प्रो. सुषमा यादव ने बताया कि आज की पीढ़ी बहुत ही भाग्यशाली है कि उन्हें हमसे अधिक चीजें मुफ़्त में मिली है। हमें आज़ाद भारत में तिरंगा फहराने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी है। अमृत महोत्स्व स्वाधीनता से स्वतंत्रता तक का सफर है। अमृत महोत्स्व का मतलब जो हमारे पास है उसे हम संभाल कर आगे लेकर जाए। देश के लिए प्रेम के साथ सम्मान भी साथ में रखे। उन्होंने कहा कि भारत की नीति कब्जा करने की मानसिकता नहीं है। एक ऐसी राष्ट्र की कल्पना करें जो सहज, सरल और विकसित हो।

कॉलेज की चेयरपर्सन रीता मैथ्यू बैंजामिन (Rita Mathew Benjamin) ने कहा कि हम यदि आजादी मना रहे हैं तो महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह आदि महापुरुषों की कुर्बानी की वजह से मना रहे है। आज हम सभी इनके बदौलत ही स्वतंत्र भारत में जिंदगी जी रहे हैं। अपनी आत्मनिर्भरता बढ़ाइए और देश के लिए कुछ करने का सोचे।

आजादी का अमृत महोत्सव की नोडल ऑफिसर दिलजीत कौर ने भी अपने वक्तव्य से सभी विद्यार्थियों को प्रेरित किया।

कार्यक्रम का अंत सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ किया गया जिसमें विद्यार्थियों ने अपने कला और कौशल का प्रदर्शन किया।

कार्यक्रम में अंबेडकर कॉलेज स्टाफ एसोशिएशन के अध्यक्ष रवि शंकर रवि, डॉ बिजेंद्र कुमार, नीलम गुप्ता, सुनीता चाकी, ममता वालिया, शशि शर्मा सहित अनेक शिक्षक उपस्थित रहें।