देश के प्रमुख विश्वविद्यालयों में से एक अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की स्थापना 24 मई 1875 को महान मुस्लिम समाज सुधारक सर सैय्यद अहमद खान ने की थी. शुरुआत में इसका नाम अलीगढ़ में मुहम्मदीन एंग्लो ओरिएंटल स्कूल जो बाद में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के नाम से प्रसिद्ध हुआ.
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में स्थित यह विश्वविद्यालय एक आवासीय शैक्षणिक संस्थान है, जिसे 1920 में भारतीय संसद के एक अधिनियम के माध्यम से केन्द्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया. कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय की तर्ज पर ब्रिटिश राज के समय बनाया गया पहला उच्च शिक्षण संस्थान था.
कई प्रमुख मुस्लिम नेताओं, उर्दू लेखकों और उपमहाद्वीप के विद्वानों ने विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की है. ज़ाकिर हुसैन, मेजर ध्यान चन्द, मुश्ताक अली, लाला अमरनाथ, नसीरुद्दीन शाह, साहिब सिंह वर्मा और मोहम्मद हामिद अंसारी आदि जैसी प्रसिद्ध हस्तियों ने इसी विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की है.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में शिक्षा के पारंपरिक और आधुनिक शाखा में 250 से अधिक पाठ्यक्रम पढ़ाए जाते हैं. कई विभागों और स्थापित संस्थानों के साथ यह प्रमुख केन्द्रीय विश्वविद्यालय दुनिया के सभी कोनों से, विशेष रूप से अफ्रीका, पश्चिमी एशिया और दक्षिणी पूर्व एशिया के छात्रों को आकर्षित करता है.कुछ पाठ्यक्रमों में सार्क और राष्ट्रमंडल देशों के छात्रों के लिए सीटें आरक्षित हैं. विश्वविद्यालय सभी जाति, पंथ, धर्म या लिंग के छात्रों के लिए खुला है. अलीगढ़ दिल्ली के दक्षिण पूर्व में 130 किमी दूरी पर दिल्ली-कोलकाता रेलवे और ग्रांड ट्रंक रूट पर स्थित है.
बीते दिनों पाकिस्तान के कायदे आजम मुहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर चर्चा में रही अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय फिर से देश की दूसरी टॉप यूनिवर्सिटी बनी है.
यूएस न्यूज एजुकेशन, बेस्ट ग्लोबल यूनिवर्सिटी की सर्वे में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को देश की यूनिवर्सिटीज में दूसरा सर्वश्रेष्ठ स्थान मिला है. साथ ही यूनिवर्सिटी का गणित विभाग ने दुनिया में 129वां स्थान पाया है. अमेरिकी समाचार शिक्षा ने जीवविज्ञान और जैव-रसायन शास्त्र और भौतिकी के अध्ययन के लिए 460 रैंक और 305 वें स्थान पर एएमयू को भी स्थान दिया है.
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