देश के अलग अलग राज्यों में अलग सरकारें हैं। कहीं राज्य सरकार कहीं केंद्र सरकार और कहीं पर राज्यपाल ही सरकार हैं जैसे दिल्ली और जम्मू और कश्मीर। अब ये भी जगज़ाहिर है कि जहां जो पार्टी सत्ता में वहां उसके अंतर्गत पुलिस आती है
इसी तरह से पूरा का पूरा राज्य का प्रशासनिक सिस्टम सरकार के हाथों ही में होता है। इसलिए जब राज्यों और केंद्र की सरकारों में अलग अलग पार्टी होती हैं तो विरोध होता है। ऐसा ही विरोध हो रहा है महाराष्ट्र में।
महाराष्ट्र में शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री हैं,उनकी सरकार कांग्रेस और एनसीपी के समर्थन से चल रही है। अब महाराष्ट्र ही से आने वाले नारायण राणे जो हाल ही में केंद्रीय मंत्री बन कर मोदी सरकार की कैबिनेट में आये हैं उनका महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से विवाद हो गया है।जिसमें केंद्रीय मंत्री पर मुकदमा दर्ज हो गया और अभी अभी उन्हें हिरासत में भी ले लिया गया है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री अपना भाषण दे रहे थे और उसी दौरान वो स्वतंत्रता के साल को लेकर असमंजस में आ गए और उन्होंने पीछे मुड़ कर साल पूछा और तब बोलना शुरू किया। बस इस बात को लेकर भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री ने विवाद खड़ा कर दिया वो भी अच्छा खासा वाला विवाद।
उन्होने बोला है कि “यह शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री जो स्वतंत्रता का साल नहीं पता है,मैं अगर वहां होता तो उन्हें थप्पड़ मारता” बस शब्दों के चयन को न सही चुनते हुए मंत्री जी ने सरकार चला रहे मुख्यमंत्री और राज्य के सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति को विवादित और शर्मनाक टिप्पणी करते हुए सभी सीमाएं लांघ दी।
इसमें भी हैरान करने वाली बात ये है केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ये बयान महाराष्ट्र के रायगड़ में एक कार्यक्रम के दौरान दे रहे थे। जिसके बाद विवाद बढ़ गया शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दे पर हंगामा खड़ा कर दिया। केंद्रीय मंत्री के नाम के जगह जगह पोस्टर चिपका दिए जिसपर लिखा था “मुर्गी चोर”।
इसके बाद केंद्रीय मंत्री पर मुकदमा दर्ज हो गया नाशिक में साइबर पुलिस ने शिवसेना के स्थानीय इकाई प्रमुख की शिकायत पर राणे के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 500, 505(2), 153(b)(1) के तहत मामला दर्ज किया है. और आज उन्हें हिरासत में लिये जाने की खबरें आ रही हैं।