भारत में डेल्टा प्लस के 40 मामले आए सामने, ब्रिटेन में भी भयानक परिस्थिति

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कोरोना वायरस ( Covid 19) की दूसरी लहर से कुछ राहत मिलने ही लगी थी। लेकिन अब ऐसा लग रहा कि जल्द ही भारत में तीसरी लहर आए सकती है। हर बार कोरोना पहले से ज्यादा ताकतवर होकर हमला करता है। अब कोरोना वायरस का सबसे खतरनाक स्वरूप हमारे सामने आ चुका हैं। दरअसल, कोरोना की दूसरी लहर में वायरस म्यूटेट होकर डेल्टा स्वरूप में हमारे सामने आया। इस स्वरूप से कई गुणा ज्यादा संक्रमण फैलाने की क्षमता थी।

हाल ही में डेल्टा वैरिएंट से भी खतरनाक और संक्रमित करने वाला वैरियंट लोगों के बीच अपने पांव पसार चुका है। वैज्ञानिकों ने इस वैरिएंट को “डेल्टा प्लस” ( Delta Plus ) नाम दिया है। स्वास्थय मंत्रालय ने इस वैरिएंट के केसों के मामले सामने आने की भी पुष्टि की है।

भारत में डेल्टा प्लस के 40 मामले आए सामने

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ने बीते बुधवार को बताया कि महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस के नए स्वरूप ने अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है। अभी तक इन इन राज्यों में “डेल्टा प्लस” वैरिएंट के कुल 40 मामले सामने आ चुके हैं।

वीओसी के श्रेणी में हैं कोरोना के सभी उपवंश

मंत्रालय ने इस संबंध में आगे बताया कि डेल्टा प्लस के साथ कोरोना के सभी उपवंशों को वीओसी की श्रेणी में रखा गया है। हालांकि इस वैरिएंट के मामलों में अभी तक कोई उल्लेखनीय वृद्धि देखने को में मिली है। जिन राज्यों में इस वैरिएंट के मामलों की पहचान हुई है। उन्हें सरकार ने अत्यधिक सावधानी और सतर्कता बढ़ाने और जन सुविधा संबंधी उचित कदम उठाने का निर्देश दिया गया है।

महाराष्ट्र में हुई सबसे पहले इस वैरिएंट की पहचान

पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड ने 11 जून को अपनी एवाई. 1 संबंधी रिपोर्ट जारी की थी। जिसमें नमूनों के विश्लेषणों से पता चला था कि डेल्टा प्लस का पहला मामला महाराष्ट्र में देखने को मिला था।

ब्रिटेन में भी हैं भयानक परिस्थितियां

केवल भारत में ही नहीं बल्कि कोरोना के इस डेल्टा प्लस वैरिएंट के पूरे के कुल 41 मामले सामने आए हैं। इस स्वरूप को डेल्टा वैरिएंट का अतिरिक्त स्पाइक म्यूटेशन कहा जा रहा है। आपको बता दें कि अमेरिका में वाइट हाउस के मुख्य चिकित्सा सलाहकार ने डॉ. एंथनी फाउची ने आगाह करते हुए ये कहा है कि डेल्टा कोरोना महामारी का सफाया करने में सबसे बड़ा खतरा है। साथ उन्होंने ये भी बताया कि इस वैरिएंट का पहला मामला भारत में सामने आया था।

क्या नए वैरिएंट पर वैक्सीन कर पाएगी काबू

कोरोना बदलते वैरिएंट के बाद ये सवाल बार-बार सामने आ रहा है कि क्या इस नए वेरिएंट पर यह वैक्सीन असरदार होगी? क्या ये सभी वैक्सीन महामारी पर काबू कर पाएंगी। फिलहाल आईसीएमआर (ICMR) इन्हीं सवालों के जवाब ढूंढने के कोशिशें कर रहा है।

हालांकि सरकार बीते दिनों ये साफ कर चुकी है कि भारत में निर्मित कोविडशील्ड (Covidshild) और कोवैक्सिन (Covaxin) हर प्रकार के वेरिएंट पर प्रभावी है। लेकिन बिना किसी रिसर्च के ये बात कहना जरा जल्दबाजी होगी। डेल्टा प्लस के वेरिएंट ने भारत समेत कई देशों की चिंता बढ़ा दी हैं। इस वैरिएंट पर कोई वैक्सीन असर करेगी या नहीं इस बात की पुष्टि रिसर्च में करना अहम होगा।

अब जब कोरोना का एक और नया रूप सामने आया है, तो सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या इसपर वैक्सीन काम कर पाएगी. अभी ICMR की ओर से ये पता लगाने की कोशिश की जा रही है।