देश में सरकार पलटने और खुब सुर्खिया बटोरने वाले 2G घोटाले को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री और पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने आपस में एक दुसरे को पत्र लिखे.
पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा और द्रमुक की सांसद कनिमोई को 21 दिसंबर को एक विशेष अदालत ने 2जी मामले में बरी कर दिया था.सीबीआई की विशेष अदालत ने 2जी मामले के सभी आरोपियों को बरी कर दिया था.
अदालत के फैसले की तारीफ करते हुए राजा ने कहा था, ‘इस फैसले के आने से पहले भी मैंने हमेशा सही महसूस किया था, क्योंकि मेरे फैसलों के फायदेमंद नतीजे स्पष्ट हैं और देश के लोग खासकर गरीब उसका आनंद ले रहे हैं.’ राजा ने कहा कि वह तो दूरसंचार क्षेत्र में ‘‘क्रांति’’ लाए हैं.
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि 2जी स्पेक्ट्रम मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं द्रमुक के नेता ए राजा का बरी होना उनके रुख का सही साबित होना है.
दो जनवरी को राजा को लिखे गए पत्र में मनमोहन ने राजा से कहा, ‘मुझे बहुत खुशी है कि 2जी मामले में आप सही साबित हुए.’ द्रमुक ने गुरुवार को मीडिया में यह पत्र जारी किया.
राज्यसभा सदस्य मनमोहन ने कहा कि राजा और उनके परिवार को ‘इस प्रक्रिया में काफी परेशानी उठानी पड़ी.’ उन्होंने कहा, ‘हमारे सभी मित्र काफी राहत महसूस कर रहे हैं कि सच की जीत हुई है.’ कांग्रेस नेता ने राजा और उनके परिजन को नए साल की शुभकामनाएं दी.
ज्ञात रहे कि, 2जी स्पेक्ट्रम का यह कथित घोटाला मनमोहन सरकार में हुआ था.
ए राजा ने क्या लिखा पत्र में ?
ए. राजा ने मनमोहन को लिखा- “मैंने हमेशा ईमानदारी से काम किया। मैंने मंत्री रहते जो भी काम मैंने किया वो देश के हित था, लेकिन आपकी मजबूरियों के चलते आपने कभी मुझे खुलकर सपोर्ट नहीं किया.”
ए. राजा ने लिखा- ” इस केस में मुझे फंसाने के लिए कुछ ताकतवर लोगों ने प्रोपोगंडा खड़ा किया था। हालांकि, फिर भी मैं निर्दोष साबित हुआ”
“एक दशक पहले आज ही के दिन मैंने आपको 2G स्पेक्ट्रम में लाइसेंस अलॉट करने के प्रॉसेस पर एक लेटर लिखा था. परन्तु , हम दोनों को ही नहीं पता था कि अगले 10 सालों में ये मामला हमारी पर्सनल और पॉलिटिकल लाइफ पर कितना बड़ा असर डालेगा.”
“कुछ ताकतवर लोगों ने हमारे खिलाफ प्रोपोगंडा खड़ा किया और सुप्रीम कोर्ट से लेकर संसद तक को भटकाए रखा. इसकी कीमत यूपीए सरकार को चुकानी पड़ी और मेरी जिंदगी के 7 साल पर असर पड़ा.”
उन्होंने आगे लिखा है, ‘मैं आपकी मजबूरी भी समझता हूं, जिसकी वजह से आप मेरा खुलकर समर्थन नहीं कर सके. अब 2G घोटाले के बारे में सच दुनिया के सामने है. शायद अब आप मेरे समर्थन में सामने आ सकते हैं, जो आप पहले नहीं कर सके.’
राजा ने कहा, ‘इससे यूपीए सरकार को नुकसान हुआ और मेरे भी सात साल खराब हुए, जिसमें से 15 महीने जेल में गुजरे.’ इस दौरान राजा ने बिना नाम लिए अपने पूर्व सहयोगियों को भी निशाना बनाया. उन्होंने लिखा है, ‘अब शायद आपको पता चल गया होगा कि कैबिनेट के कुछ वरिष्ठ सदस्यों के उलट मैं हमेशा आपके प्रति वफादार रहा.’
उन्होंने लिखा, ‘मैंने आपको कई बार भरोसा दिलाया था कि मैंने इस मामले में कुछ भी गलत नहीं किया था. मैंने कई बार कहा था कि मैंने राष्ट्रीय हित में काम किया है और मैं इसे साबित करके रहूंगा.’
मनमोहन सिंह ने राजा को क्या जवाब दिया?
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने राजा के बरी होने पर खुशी जाहिर करते हुए, उन्होंने लिखा- ” आपकी और आपकी फैमिली को इस मामले में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है, लेकिन आखिर में सच की जीत हुई. मेरी तरफ से आपको और फैमिली को नए साल की शुभकामनाएं.”
सीबीआई कोर्ट ने क्या कहा था ?
1 फैसले के दौरान स्पेशल सीबीआई जज ओपी सैनी ने कहा, “अंग्रेजी अखबार की खबर को कुछ लोगों ने चुनिंदा तथ्यों के जरिये बढ़ा- चढ़ा कर आसमान तक पहुंचा दिया मैं सात साल तक प्रतिदिन मामले की सुनवाई करता रहा, इस इंतजार में कि कभी तो कोई ठोस सबूत लेकर आए, मगर सब व्यर्थ गया, जो मेरे सामने आया वो अफवाह से बढ़कर कुछ नहीं था. अदालत सामाजिक धारणा पर नहीं, तथ्यों के आधार पर फैसला सुनाती है.”
2 उन्होंने कहा कि इसकी शुरुआत एक अंग्रेजी दैनिक अखबार में छपी खबर से हुई। अखबार ने 8 नवंबर 2007 को ‘जेरिंग कॉल: ग्रेबिंग प्रेशियस स्पेक्ट्रम फॉर ए सोंग’ हेडलाइन से खबर लगी थी. इस खबर को टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने खारिज कर दिया. मामला कोर्ट पहुंचा तो कोर्ट को भी एक बार लगा था कि यह मामला बेहद बड़ा है. कोर्ट के सामने जो चार्जशीट दायर की गई थी, वह भी सही नहीं थी। कोर्ट में सभी गवाह गवाही से पलट गए.
3 उन्होंने कहा कि सीबीआई ने बड़ी ही प्लानिंग के साथ चार्जशीट कोरियोग्राफ की थी. मगर, उसमें ऐसा कोई फैक्ट नहीं था, जिससे साबित हो कि आरोपी किसी क्रिमिनल एक्टिविटी में शामिल थे. जांच अधिकारी इंस्पेक्टर की दलीलों पर उसके हस्ताक्षर तक नहीं थे.