मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में शिवराजसरकार 11 मंत्री अपनी सीट भी नहीं बचा पाए. कांग्रेस को 230 सीटों में से 114 पर जीत हासिल हुई है, वहीं भाजपा के खाते में 109 सीटें आई हैं. इसके अलावा बसपा ने दो, सपा ने एक और अन्य ने चार सीटों पर कब्जा किया है. ज्ञात होकि कांग्रेस बहुमत के आंकड़े से सिर्फ दो सीट दूर रह गई.
जानिये शिवराज सिंह चौहान सरकार के उन मंत्रियों के बारे में, जो अपनी सीट नहीं बचा पाए.
- भोपाल दक्षिण-पश्चिम सीट से भाजपा के उमाशंकर गुप्ता कांग्रेस के पीसी शर्मा से 6032 वोटों से हार गए.
- जबलपुर उत्तर सीट से शरद जैन को कांग्रेस के विनय सक्सेना ने 578 वोटों से रहा दिया.
- वहीं ग्वालियर सीट से कांग्रेस के प्रधुम्न सिंह तोमर ने भाजपा के मंत्री जयभान पवैया को 11093 वोटों से हराया है.
- देवास की हाटपीपल्या सीट से भाजपा के मंत्री दीपक जोशी कांग्रेस के मनोज सिंह चौधरी 13519 वोटों से हा गए.
- इसके अलावा सेंधवा से भाजपा के मंत्री अंतरसिंह आर्य कांग्रेस के ग्यारसीलाल रावत से 17878 वोटों से हार गए.
- बड़ा मलहरा सीट की बात करें तो भाजपा की मंत्री ललिता यादव कांग्रेस के कुंवर प्रद्मुम्न सिंह लोधी से 15779 वोटों से हार गईं.
- मुरैना से भाजपा के मंत्री रुस्तम सिंह को कांग्रेस प्रत्याशी रघुराज सिंह नेकरीब 20 हजार वोट से हरा दिया.
- डिंडौरी की शहपुरा सीट से भाजपा के मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे कांग्रेस के भूपेंद्र मरावी से करीब 34 हजार वोट से हार गए.
- खरगोन से भाजपा के मंत्री बालकृष्ण पाटीदार करीब दस हजार वोट से कांग्रेस के रवि चंद्र जोशी से हारे हैं.
- भिंड की गोहद से भाजपा के मंत्री लाल सिंह आर्य कांग्रेस के रणवीर जाटव से 24 हजार वोट से हा गए.
- बुरहानपुर से भाजपा की मंत्री अर्चना चिटनीस को निर्दलीय ने छह हजार वोट से शिकस्त दी है.
ज्ञात हो कि मध्यप्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों के नतीजे आ चुके हैं. बुधवार सुबह चुनाव आयोग ने फाइनल आकड़ें जारी किए हैं. यहां कांग्रेस ने 114 सीटों पर जीत हासिल की है, वहीं भाजपा 109 सीटों पर रह गई. हालांकि, कांग्रेस बहुमत के जादूई आंकड़े 116 से दो सीट दूर रह गई. वहीं दो सीटें बहुजन समाज पार्टी, एक समाजवादी पार्टी और चार निर्दलीय उम्मीदवारों के हिस्से में गई हैं. हालांकि बसपा और सपा ने समर्थन का ऐलान कर कांग्रेस की सरकार बनाने की रास्ते आसान कर दिए हैं. वहीं बताया ये जा रहा है, कि जीते गए चारों निर्दलीय विधायक कांग्रेस के ही बागी उम्मीदवार हैं, और चूंकि कांग्रेस सरकार बना रही है तो वो भी कांग्रेस के ही समर्थन में आयेंगे.