उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद एक के बाद एक लगातार कई एनकाउंटर हुए जिसमे कई नामी अपराधियों को पुलिस ने ढेर कर दिया. लेकिन अब मिडिया खबरों के अनुसार एक ऐसा एनकाउंटर किया जो फर्जी बताया जा रहा है.
राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में कथित तौर पर ‘फर्जी एनकाउंटर’ ने सरकार पर सवाल खड़े कर दिए हैं. आरोप है कि नोएडा के सेक्टर 122 में 3 फरवरी की रात को दारोगा ने कुछ सिपाहियों के साथ मिलकर पास के गांव में ही रहने वाले जितेंद्र कुमार यादव को गोली मार दी. एक दूसरे युवक को भी पैर में गोली मारी गई है. दोनों घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है.
एसएसपी नोएडा लव कुमार ने बताया, ‘चार आरोपी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है, और आरोपी दारोगा को गिरफ्तार कर लिया गया है. घटना में इस्तेमाल हुई रिवॉल्वर भी सीज कर दी गई है.’ कुमार ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह मामला आपसी रंजिश का लगता है. आरोपी ट्रेनी दारोगा और घायल जितेन्द्र का बड़ा भाई एक-दूसरे को पहले से जानते हैं. वारदात में शामिल अन्य एक दारोगा और दो कॉन्सटेबल्स की भूमिका की जांच की जा रही है.
Prima facie it looks like case of personal enmity. During the probe it was found that the trainee sub-inspector knew the elder brother of the man who was shot: SSP Love Kumar on man shot at by police in Sector 122 in Noida last night. pic.twitter.com/VKhKAXvn7D
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) February 4, 2018
दिल्ली के सटे नोएडा में पुलिस द्वारा एक युवक को गोली मारे जाने को लेकर बढ़ते विवाद के बाद डीजीपी मुख्यालय ने सफाई देते हुए फर्जी एनकाउंटर की बात को खारिज किया है. यूपी के अपर पुलिस महानिदेशक आनंद कुमार ने बताया कि दरअसल डीजे बजने की शिकायत पर दरोगा जांच करने के लिए मौके पर गए थे. यहां बहस के दौरान दरोगा से गोली चली. एसएसपी नोएडा से पूरे मामले में रिपोर्ट मांगी गई है. आरोपी दरोगा के खिलाफ हत्या के प्रयास की रिपोर्ट दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है.
मामला नोएडा सेक्टर-122 का है. पुलिस की गोली से घायल हुए युवक के भाई सुशील ने बताया कि गाजियाबाद से 4 लड़के कार से सगाई की रस्म से वापस नोएडा लौट रहे थे. तभी रास्ते में चेकिंग के दौरान सब इंस्पेक्टर विजय दर्शन ने उन्हें रोका और फर्जी मुठभेड़ दिखाने के मकसद जितेंद्र यादव को गोली मार दी. वहीं कार में मौजूद उसके दूसरे साथी किसी तरह बचकर उनके घर तक आए.
जितेन्द्र के परिजनों का आरोप है कि चौकी इंचार्ज विजयदर्शन घटना के वक्त नशे में थे और उन्होंने जितेन्द्र पर बंदूक तानते हुए कहा कि प्रमोशन का सीजन है और उनका प्रमोशन रह गया है एक-दो को टपकाना पड़ेगा। परिवारवालों का आरोप है कि जितेन्द्र को यादव होने के कारण गोली मारी है. गांव वालों का कहना है कि 10-12 दिन पहले कुछ पुलिसकर्मी पास की मार्केट में उगाही करने आए थे, जिसको लेकर जितेन्द्र का चौकी इंचार्ज से विवाद भी हुआ था.