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ये किसान नेता हैं, राजस्थान की राजनीति का उभरता हुआ चेहरा

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राजस्थान में रहने वालों लोगो और राजस्थान की राजनीती में रूचि रखने वालों लोगो के लिए हनुमान बेनीवाल एक जाना पहचाना सा नाम है. और ये जाना पहचाना नाम एसे ही नहीं है बल्कि इनको पर्याप्त जनसमर्थन भी हासिल है.  आज इस एक विधायक की रैली में इतना जन समर्थन देखने को मिलता है,की बड़े बड़े नेताओं को भी सोचने पर मजबूर करता है. बेनीवाल का जनसमर्थन हर किसी को अपनी और आकर्षित करता है. बेनीवाल आज राजस्थान के सबसे तेज़ आगे बढ़ने वाले नेताओं में सुमार हो चुके है. हनुमान बेनीवाल की शुरुआत में छवि एक जाट नेता के रूप में थी। और उन्हें जाट नेता के तौर पर ही देखा जाता था,जाना जाता था.
पर जब से उन्होंने विधार्थी वर्ग का साथ दिया है, किसानों के हकों की बात की है,36 कोमो को साथ लेकर चलने की बात की है, वो एक शक्तिशाली दबंग संघर्षशील किसान नेता के रूप में प्रदेश में उभर कर सामने आये है. हनुमान बेनीवाल के कार्य करने की शैली ,उनके वक्तव्य, बेबाक बोल , भारी आवाज ने युवाओ को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है, और इन्ही वजह से आज के युवा वर्ग ने उन्हें तथाकथित “राजस्थान का शेर” उपनाम की सज्ञा दी है. सुनने में आता है,की जब भी हनुमान बेनीवाल की किसान हुकार रैली होती है,तो उसमें जन सैलाब देखने लायक होता है. और राजस्थान के किसी विधायक की सभा में इस प्रकार का जन समर्थन देखने को नही मिलता.

राजस्थान में भाजपा सरकार से नाखुश लोगो और कांग्रेस के राज से ऊब चुके लोगो ,और इस प्रकार बेनीवाल के जनसमर्थन से राजस्थान में तीसरे मोर्चे की खबरे सामने आ रही है,जिसके नेतृत्व की कमान हनुमान बेनीवाल के हाथों में होगी। अब अगर तीसरा मोर्चा बेनीवाल के नेतृत्व में खड़ा होता है,तो उसके परिणाम तो चुनाव के बाद तय होंगे। पर बेनीवाल के इस प्रकार की औपचारिक घोषणा के बाद भाजपा एवम कांग्रेस के लोगो के माथे पर चिंता की लकीरें जरूर बढ़ जायेगी. क्योंकि पश्चमी राजस्थान इनका गढ़ है। युवा वर्ग इनके समर्थन में है. युवाओ में इनकी पकड़ मजबूत है। अब वक्त ही बताएगा कि राजस्थान का शेर तीसरे मोर्चे का गठन करता है,या नही. और अगर तीसरा मोर्चा बनता है,तो ये  देखना होगा कि क्या असर दिखाता है ?

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