राजनीति में अक्सर एक मिसाल दी जाती है कि यहां कोई भी परमानेंट दोस्त या परमानेंट दुश्मन नहीं होता है। अब जैसे ही इमरान मसूद ने समाजवादी पार्टी की तारीफ की ही तो ये मिसाल बिल्कुल सटीक बैठ गयी है।क्यूंकि ये तारीफ करना यूँ ही नहीं है इसके पीछे सोची समझी रणनीति है जिसे इमरान छुपा रहे हैं।
इमरान को 2022 का चुनाव नजर आ रहा है जो फिलहाल लोहे के चने चबाने जितना मुश्किल नज़र आता है। इससे भी मुश्किल ये तब हो जाता है जब आप कांग्रेस के टिकट पर मैदान में होते हैं। इसलिए इमरान मसूद बहुत कुछ सोच रहे हैं और समझ रहे हैं।
इमरान मसूद ने खुलेआम आकर कहा है कि “भाजपा को हराने के लिए सिर्फ समाजवादी पार्टी ही सक्षम है,और प्रियंका गांधी जी भरपूर मेहनत कर रही है लेकिन वो मेहनत वोटों में तब्दील होती हुई नजर नहीं आ रही है” इस बयान के मायने इसलिए भी अहम है क्योंकि इमरान सिर्फ एक नेता न होते हुए बहुत बड़ा संगठन चलाने वाला ज़िम्मेदार नाम है।
कौन हैं इमरान मसूद?
इमरान मसूद कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और वेस्ट यूपी में उनके दिग्गज नेता हैं। सहारनपुर ज़िलें की राजनीति में इमरान कांग्रेस के हीरो हैं। जो अपने दम पर पार्टी को यहां दो विधायक जिताकर देते हैं। लोकसभा चुनावों में 4 लाख से ज़्यादा वोट लाकर देते हैं और पार्टी को ज़िले ही में नहीं आस पास के क्षेत्र में भी अपने दम से ही ज़िंदा रखे हैं।
लेकिन एक बहुत बड़ा सच ये भी है कि पिछले करीब दस साल से और 4 चुनावों से इमरान जीतने में नाकामयाब रहे हैं। ये चारों हार भी बहुत करीब आकर हुई हैं। जिसमें सबसे बड़ी वजह यही निकल कर सामने आती रही है कि वोटर आखिर में आकर कंफ्यूज हो जाता है कि इमरान को वोट किया जाए समाजवादी पार्टी को वोट किया जाए। इसी वजह से वोटों का बिखराव होता है और इमरान चुनाव हार जाते हैं।
लेकिन इमरान मसूद अब चुनाव नहीं हारना चाहते हैं अब वो विधायक बन कर लखनऊ विधानसभा में बैठना चाहते हैं। इसी वजह से उन्होंने अपने भाई तक को चुनाव लड़ाने से मना कर दिया है कि “वो उन्हें चुनाव नहीं लड़ायेंगे” बस इसलिए ही इमरान मसूद समाजवादी पार्टी की तारीफ कर भी रहे हैं ।
क्या इमरान मसूद करेंगे सायकिल की सवारी?
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इमरान मसूद समाजवादी पार्टी में जॉइन करने जा रहे हैं और इस बार वो साइकिल के टिकट पर चुनाव लड़ते हुए नज़र आ सकते हैं। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह यही बताई जा रही है कि इमरान अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर बहुत ज़्यादा गम्भीरता से सोच रहे हैं।
उन्हें ये चुनाव जीतना बहुत ज़रूरी हो गया और उन्हें जिताने में बहुत हद तक अखिलेश यादव का नाम उनकी मदद कर सकता है। इसलिए बहुत सोची समझी रणनीति के तहत ही इमरान मसूद अखिलेश यादव और उनकी पार्टी की तारीफ कर रहे हैं।
चुनावों में सिर्फ कुछ महीनों का ही वक़्त रह गया है अब देखना ये ज़रूरी है कि इमरान मसूद कितना जल्दी साइकिल सवार हो कर जीत की और जाते हुए नज़र आने वाले हैं। या फिर इन सभी अटकलों को खत्म कर इमरान फिर से कांग्रेस के झंडे को ही मज़बूती से ही थामे नज़र आने वाले हैं।