अखिलेश यादव खुद को बड़ा हिन्दू क्यों कह रहे हैं?

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उत्तर प्रदेश में 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं उसी को लेकर सियासी माहौल बनना शुरू हो गया है। बसपा “ब्राह्मण सम्मेलन” करा रही है और 2007 के चुनावों की तरह अपनी पुरानी नीतियों पर ध्यान दे रही है।

वहीं सपा सायकिल यात्रा कर रही है और जनता को ये मैसेज देना चाह रही है कि उसका कार्यकाल सबसे बेहतरीन रहा है और तभी राज्य में विकास हुआ हैं इसके अलावा सत्ता पर काबिज़ भाजपा अपने कार्यकाल की उपलब्धियां गिना रही है।

लेकिन अगर उत्तर प्रदेश के चुनावों में जाति-धर्म और इससे जुड़े मुद्दों का ज़िक्र न हो तो ये चुनाव अधूरे से लगते हैं। बस इसलिए ही ऐसे बयान आते रहते हैं जो जाति या धर्म का ज़िक्र करते हो।अब इस तरह का बयान आया है अखिलेश यादव की तरफ से,उन्होंने खुद को भाजपा से बड़ा हिन्दू कहा है।

क्यों कहा है ऐसा?

अखिलेश यादव ने ये बयान एक वार्ता के दौरान दिया है जहां वो खुद को बड़ा हिन्दू बता रहे हैं। हिंदुस्तान की खबर के मुताबिक अगर गौर करें तो उन्होंने कहा है कि “पहले तो मैं ये बता दूं कि भाजपा से बड़े हिन्दू हम हैं,उनकी (भाजपा) जो परिभाषा है हिन्दू वाली वो हमें नहीं चाहिए, जो लड़ाई कराती हो या समाज को बांटती हो”

दरअसल अखिलेश यादव इस तरह के बयान दे कर भाजपा की या योगी आदित्यनाथ की छवि को चुनौती देना चाहते हैं,जो हिंदुत्ववादी है । वहीं 2017 से अब तक सरकार भी योगी आदित्यनाथ ही कि है और प्रदेश भर में सरकार के खिलाफ ऐंटी इनकंबेंसी का फायदा उठाना चाह रहे हैं,लेकिन भाजपा इतनी आसानी से उन्हें ये मौका देने नहीं वाली है।

योगी आदित्यनाथ ने किया है पलटवार.

इस बयान के बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अखिलेश यादव पर बड़ा हमला किया है उन्होंने कहा है कि “उनके अब्बा(पिता) तो कहते हैं यहां आयोध्या में परिंदा भी पर नहीं मार सकता है,और उन्होंने कारसेवकों पर गोलियां चलवा दी थी,लेकिन आज वहाँ भव्य राम मंदिर बनाया जा रहा है”

योगी आदित्यनाथ ने पुर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बयान पर भी चुटकी ली है,उन्होंने अखिलेश के 400 सीटों के जीतने के दावे पर कहा है कि “मुझे तो हैरानी हो रही है कि उन्होंने 500 सीटें क्यों नहीं कहा है”

 

योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव के बीच चल रही इस ज़ुबानी जंग से ये अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि आने वाला चुनाव कितना दिलचस्प होने वाला है।