हर वीकेंड KBC (koun banega crorepati) के सेट पर कोई सेलेब्रिटी आता और किस ट्रस्ट के लिए गेम खेलकर पैसे कलेक्ट करता है। बीते वीकेंड एक्टर जॉन अब्राहम अपने साथी के साथ KBC के मंच पर आए और जानवरों से जुड़े ट्रस्ट के लिए मनी कलेक्ट की। लेकिन इस बीच एक वीडियो देखकर जॉन भावुक हो गए और हॉट सीट पर बैठे बैठे ही रोने लगे।
KBC के मंच पर क्यों रोने लगे जॉन :
दरअसल, शो में जॉन ने बताया कि वो जानवरो से बहुत प्यार करते हैं और केबीसी के मंच पर भी वो जानवरो के लिए ही आए हैं। जॉन ने कहा, उन्हें बहुत गुस्सा आता है उन लोगो पर जो जानवरो के साथ क्रूरता करते हैं। उन्हें मारते हैं, उन्हें एक अच्छी ज़िंदगी से दूर करते हैं। उन्होंने आगे कहा जानवरो के साथ लोगो की क्रूरता की सीमा अब पर हो रही है। जानवरो से जुड़ी क्रूरता के लिए कानून है लेकिन जुसमे 1960 से लेकर अभी तक कोई संशोधन नहीं हुआ है।
इस बीच केबीसी के मंच पर जानवरो के साथ हुई क्रूरता से जुड़े वीडियो को देखकर जॉन की आंखे भर आई। वो भरे सेट पर रोने लगे। यही चीज़ दिखती है कि भारी भरकम और ठोस शरीर वाले जॉन अब्राहम का दिल कितना सॉफ्ट है।
सोशल मीडिया पर मौजूद है उदहारण :
शो में जॉन ने कहा, ज़्यादातर मामले सोशल मीडिया पर ही देखने को मिल जाते हैं। लोग सोशल मीडिया पर एक रील बनाने के लिए जानवरों के साथ क्रूरता की हद पार कर देते हैं। कुछ उदहारण देते हुए उन्होंने बताया, गुजरात मे कुछ लोग ने एक कुत्ते को बांधकर उसके पैर काटे।
Let's rally for animals and urge the government to amend the PCA Act by making the killing and torture of animals a non-bailable offence in the upcoming Parliamentary session.
— John Abraham (@TheJohnAbraham) July 14, 2021
Click on https://t.co/uPl62IXDwU to send an email petition to the Prime Minister & key decision makers pic.twitter.com/0eO4oLEfTK
वहीं पंजाब के पटियाला में इंस्टाग्राम रील बनाने के लिए एक आदमी ने सोते हुए जानवर को गोली मार दी। एक और उदाहरण सोशल मीडिया पर मौजूद है जब एक यूटुबर ने एक वीडियो बनाने के लिए अपने कुत्ते को गुब्बारों से बांध दिया था।
Prevention of Cruelty to Animals Act क्या है :
1960 में भारतीय संसद ने एक अधिनियम पारित करके जानवरो के साथ होने वाली क्रूरता और अनावश्यक दर्द और पीड़ा को रोकने के लिए और इसके निवारण के लिए “जानवरो के साथ क्रूरता निवारण अधिनियम 1960” लागू किया गया था।
इसमें भारीतय पशु कल्याण बोर्ड का गठन भी किया गया था। इस अधिनियम के तहत किसी भी धार्मिक मान्यता के अनुसार कोई भी किसी जानवर को मारने का अपराध नहीं करेगा। अगर ऐसा किया जाता है तो उसे सज़ा दी जाएगी। हालांकि, 1960 कब बाद इस अधिनियम में कोई संशोधन नहीं हुआ है।