24 सितंबर को जेटिडब्लूसी यानी ज्वाइंट टाइफून वॉर्निंग सेंटर ने पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी से एक तूफान के उठने की बात कही थी। जो बांग्लादेश से होते हुए भारत की और बढ़ रहा है। इसके सम्बन्ध में IMD (भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ) ने भारत में चेतावनी जारी की थी।
इसमें तूफान गुलाब की भारत के तटीय क्षेत्रों से टकराने की बात शामिल हैं वहीं IMD ने कहा था कि चक्रवात उत्तरी आंध्र प्रदेश, दक्षिणी ओडिशा, महाराष्ट्र और विदर्भ के तटीय क्षेत्रों पर दस्तक दे सकता है। हालांकि, चक्रवात “गुलाब” लागातर अपनी गति को खो रहा है। चक्रवात “गुलाब” का नाम पाकिस्तान ने सुझाया है जिसका अंग्रेज़ी अर्थ “रोज़” है।
दूसरे चक्रवात के रूप में उभर सकता है- चक्रवात गुलाब :
IMD के मुताबिक एक और जहाँ बंगाल की खाड़ी से उठने वाला चक्रवात “गुलाब” अपनी गति खो रहा है, वहीं IMD यह आशंका भी जाता रहा है कि अगले दो या तीन दिनों में अरब सागर के ऊपर चक्रवात “शाहीन” के रूप में ये फिर उठ सकता है। ये भारत के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सो में विकसित होने वाली दो अत्यंत तीव्र मौसम प्रणालियों में से एक है जो आने वाले दिनों में भारत मे भारी बारिश का कारण बन सकती है।
चक्रवात का नाम “शाहीन” कैसे पड़ा :
फ्री प्रेस के ही मुताबिक अरब सागर से उठने वाले चक्रवात “शाहीन” का नाम क़तर ने रखा है। शाहीन शब्द मध्य पूर्व में बड़े पैमाने पर देखा जाता है। जिसका अर्थ है “शाही सफेद बाज़” या “सफेद गरुड़।”
“गुलाब” के बाद आएंगे पांच और चक्रवात :
IMD के मुताबिक, उत्तरी हिन्द महासागर में एक मौसम प्रणली दो चक्रवात पैदा कर सकती है। और आने वाले दिनों में बंगाल की खाड़ी, हिन्द महासागर और उत्तरी हिन्द महासागर में पांच और तूफान आएंगे। इन तूफ़ानों के नाम शाहीन, तूफ़ान जवाद, तूफान आसनी, तूफान सितरंग और तूफ़ान मैंडौस रखे गए हैं।
नामकरण की प्रथा पुरानी है :
चक्रवातों के नामकरण की ये प्रथा पुरानी है। इनके नाम इसलिए रखे जाते हैं ताकि तूफानों को ध्यान रखा जा सके लेकिन महत्वपूर्ण बात ये है कि नाम भड़काऊ नहीं होने चाहिए। इनके नाम तकनीकी और संख्याओं की बजाए चेतावनी देने वाले रखे जाते हैं, ये तूफान की त्वरित पहचान करने में मददगार होते हैं। मालूम हो कि आज तक किसी चक्रवात या तूफान का नाम किसी व्यक्ति विशेष और वर्ण की वरीयता के आधार पर नहीं रखा गया है।
भारतीय मौसम विभाग ने कहा शाहीन, गुलाब और आग जैसे नाम उन 169 नामो में से है जो 13 देशों ने मिलकर भविष्य में आने वाले तूफानों के लिए दिए हैं।
दूसरी और IMD के दिशानिर्देश देखे जाए तो महासागरों में उठने वाले तूफानों के प्रस्तावित नाम राजनीति, राजनीतिक हस्तियों और धार्मिक विश्वास और संस्कृति के लिए तटस्थ होने चाहिए।