बिहार में शराबबंदी को लेकर अक्सर सवाल उठते रहे है। लेकिन अब ये सवाल उस माहौल में उठा जब पटना स्थित बिहार विधानसभा के केपम्स में ही शराब बरामद की गई।
मंगलवार को बिहार विधानसभा में नेता पक्ष नीतीश कुमार और नेता विपक्ष तेजस्वी यादव का आमना सामना हुआ। बहस का मुद्दा था, शराब जो बिहार की सबसे बड़ी परेशानी है।
अचरज की बात ये है कि बिहार में शराबबंदी के बाद विधानसभा के परिसर में शराब की बोतलें मिली। वो भी उस वक्त जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विधानसभा में अपने चेंबर में मौजूद थे।
तेजस्वी यादव ने शराबबंदी पर सरकार को घेरा :
विधानसभा में शराबबंदी और विधानसभा परिसर में शराब की बोतल मिलने पर तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार को घेरा। उन्होंने कहा, कुछ दिनों पहले शराबबंदी पर सरकार की समीक्षा बैठक हुई जिसके तुरंत बाद विधानसभा परिसर में शराब की बोतलें पाई गई। जहां ये बोतले पाई गई वहां से मुख्यमंत्री जी का चेम्बर 50 मीटर भी दूर नहीं है।
अदभुत! बिहार विधानसभा परिसर के अंदर में शराब की बोतलें बरामद।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) November 30, 2021
अभी शीतकालीन सत्र चल रहा है। CM के चेंबर से मात्र चंद कदम की दूरी पर विभिन्न ब्रांड की शराब ही शराब उपलब्ध।
कड़ी सुरक्षा के बीच चालू सत्र में ही विधानसभा में शराब मिल रही है, शेष बिहार की आप बस कल्पना कीजिए! शर्मनाक! pic.twitter.com/v1Sj2kiBkK
ये शराबबंदी की असली तस्वीर है जिसे हम हमेश से उठाते रहें हैं। ध्यान दिया जाए कि जिस परिसर में अगर मुख्यमंत्री मौजूद हो तो लोगो का आना जाना बंद कर दिया जाता है वहां शराब बरामद होती है जब मुख्यमंत्री खुद अपने चेम्बर में मौजूद हो।
तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि शराबबंदी के बाद विधानसभा परिसर में ये हाल है तो मुख्यमंत्री जी का पद पर रहने का नैतिक अधिकार नहीं बनता। हालांकि, इस बीच स्पीकर ने जांच करवाने की बात की।
मज़बूती और गंभीरता से जांच करवाई जानी चाहिए :
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, की उन्हें इसकी जनकारी नहीं है कि परिसर में शराब की बोतलें बरामद की गई, हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स कहती है कि उस वक्त मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने चेम्बर में मौजूद थे। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच होनी चाहिए कि परिसर में शराब कहाँ से आई, कौंन लाया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगे कहा कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसकी जांच मज़बूती और गंभीरता से हो और जो भी लोग इसमें संलिप्त पाए जाए उनकी भी जांच होनी चाहिए। जांच में एक एक चीज़ को देखा जाना चाहिए।
26 नवम्बर को मनाया गया था “प्रतिबंध दिवस”
40 लोगो की जहरीली शराब के सेवन से मौत के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 26 नवम्बर को बिहार राज्य में शराबबंदी को लेकर शपथ दिलाई थी। जिसमे किसी भी आम नागरिक और सरकारी कर्मचारी समेत हर किसी को शपथ दिलाई गई थी “कि न तो वो खुद शराब का सेवन करेंगे और न ही किसी और को करने देंगे”
मालूम हो कि पांच साल पहले भी नीतीश सरकार ने बिहार में शराबबंदी को लेकर कानून लागू किया था, लेकिन बिहार में जहरीली शराब के सेवन से लगातार मौत हो रही है। जिसका कारण है बिहार में शराब की कालाबाज़ारी और लोगो को शराब की पड़ चुकी लत।