UP के चंदौली में क्या हुआ है, पुलिस की कार्यवाही पर उठ रहे हैं सवाल?

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कल ( 1मई) को 40 पुलिसकर्मी गैंगस्टर कन्हैया यादव के घर दबिश देने चंदौली ज़िले के मनराजपुर गाँव पहुँचे। कन्हैया नहीं मिला। घर पर उसकी 2 बेटियाँ-निशा यादव और गुंजा यादव थीं। आरोप है कि पुलिस ने उन्हें इतना पीटा कि निशा की मौत हो गई। इसके बाद पुलिस ने निशा को फाँसी पर लटका दिया ताकि मामला हत्या का न लगकर सुसाइड का लगे।

गुंजा का कहना है- करीब 40 पुलिसवाले डायरेक्ट घर में घुसने लगे। हम लोग गेट बंद करने लगे तो वे हमें मारने लगे। दीदी खुद को बचाने के लिए दूसरे कमरे में भागी और दरवाजा बंद कर लिया। लेकिन गेट खोलकर उसे मारा गया। वह कुछ देर तक मुझे आवाज देती रही- गुंजा बचाओ, कुछ देर बाद आवाज़ आनी बंद हो गई।

“एक कॉन्स्टेबल नीचे कुर्सी लेकर गया। मैंने उसका हाथ पकड़ा, मुझे भी ब्लड लग गया तो उसने हमको झटक दिया। उसके बाद वह अंदर गया। सभी 5-10 मिनट के बाद बाहर आए। फिर सब चले गए। उनके जाने के 10 सेकेंड के भीतर हम उस कमरे में पहुंचे। देखे तो दीदी पंखे से लटकी हुई थी।”

पोस्टमार्टम में गले पर मामूली सी चोट दिखाई गई हैं। जबकि चश्मदीद गुंजा का कहना है कि उसे बुरी तरह से पीटा गया था। और मारकर ही पुलिस ने उसे फाँसी से लटका दिया गया।

कुछ महीने पहले कासगंज में, 20-21 साल के अल्ताफ़ को भी ऐसे ही पुलिस कस्टडी में मार दिया गया था। और बाद में बाथरूम की टौंटी से लटका दिया और कह दिया कि आत्महत्या की है।

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