असम-मिजोरम बॉर्डर पर अभी भी स्तिथि को पूरी तरह से समान्य नहीं किया जा सका है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो, अब भी उपद्रवी जंगल में छिपकर गोलीबारी कर रहे हैं। दरअसल, सोमवार को असम-मिजोरम सीमा विवाद के चलते दोनों राज्यों की पुलिस में हिंसक मुठभेड़ हो गई थी। अब जंगल में छिपकर उपद्रवी भी इस आग में घी नहीं बल्कि पेट्रोल डालने का काम कर रहे हैं। जिसके बाद अब अन्य सुरक्षा बलों ने मोर्चा संभाला लिया है।
This not Indo-Pak or Chaina Border, it's inside INDIA
what the hell is going here?@PMOIndia @CMOfficeAssam@AmitShah#Assammizoram Border at Lailapur
Cross firing between Assam Police and Mizoram 🥲 pic.twitter.com/RgAsaMdKQ0— Monodeep deb (@monodeepdeb) July 26, 2021
CRPF ने संभाला मोर्चा
बीते सोमवार असम मिजोरम की सीमा पर दोनों राज्यों की पुलिस के बीच हिंसक झड़प हो गई थी। अब सीमा पर सीआरपीएफ ने मोर्चा संभाल लिया है। जानकारी के मुताबिक, फिलहाल सीआरपीएफ की दो कंपनियों को सीमा पर तैनात कर दिया गया है। बीती शाम को ही CRPF ने लाउडस्पीकर की जरिए सीआरपीएफ ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
खूनी संघर्ष में पांच जवान हुए शहीद,
असम और मिजोरम में सीमा पर हुए इस खूनी संघर्ष (Assam-Mizoram Border Dispute) में असम के पांच जवान शहीद हो गए हैं। यही नहीं, पुलिस के अलावा दोनों राज्यों के लोग भी इस हिंसा में शामिल हो गए हैं। लेकिन, अभी भी विवाद थमने का नाम ले रहा। दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री एक-दूसरे से शांति बनाए रखने की अपील कर रहे हैं। साथ ही दोनों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्रियों से बात की है।
Government of Assam : Press Statement on Assam Mizoram Border. pic.twitter.com/oNNyhXGkfV
— Assam Police (@assampolice) July 26, 2021
हिमंता बिस्व सरमा ने शहीद जवानों को दी श्रद्धांजलि
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने मंगलवार सुबह सिलचर जाकर शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी। मिजोरम बॉर्डर पर हुए संघर्ष में असम पुलिस के पांच जवान शहीद हुए ही गए।
जंगलों की आड़ में छिपकर की जा रही है फायरिंग
बता जा रहा है की असम के काछर, करीमगंज, हैलाकांडी जैसे इलाके असम को मिजोरम के एज़वाल, मामित और कोलासेब से जुड़ते हैं। इन्हीं सीमावर्ती इलाकों में हिंसा जारी है। इसी विवाद के कारण बीते दिन दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों भी ट्विटर पर एक दूसरे से भिड़ गए थे। मिजोरम के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस ने कहा कि असम पुलिस ने हमारे लोगों पर ओपन फायरिंग की, ग्रेनेड फेंके। उन हालतों में हमारे पास जवाबी फायरिंग करने के अलावा कोई चारा नहीं था।
Strongly condemn the barbaric attack on DC, SP Cachar & Assam Police by the Mizo miscreants on the Assam-Mizoram border at Lailapur. Deeply saddened to hear the news that six of our Assam Police persnl hv been martyred by Mizo Police & Mizo miscreants. Want an immediate solution. pic.twitter.com/9sc6dozWaA
— Suzam Uddin Laskar (@SuzamMLA) July 26, 2021
वहीं, एक असम पुलिस ऑफिसर की माने, तो इस हिंसा में करीब पचास लोग घायल हुए हैं। साथ ही अभी भी लोग जंगलों में छिपे हुए हैं, जहां से लगातार गोलियों की आवाज़ें आ रही हैं। पुलिस अधिकारी के मुताबिक जब दोनों पक्षों के लोग बातचीत कर रहे थे, तभी कुछ उपद्रवियों ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी जिसके बाद यह हिंसा शुरू हो गई।
संसद में भी उठेगा यह विवाद
असम कांग्रेस के नेता गौरव गोगोई ने इस मुद्दे को संसद में उठने की तैयारी कर ली है। उन्होंने लोकसभा में इस मुद्दे पर चर्चा के लिए स्पीकर को नोटिस भी दे दिया है। वहीं, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ट्विटर पर इस हिंसा की निंदा की है। एक बार फिर राहुल गांधी ने गृहमंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने लगाया कि गृह मंत्री एक बार फिर देश में शांति स्थापित करने में फेल साबित हुए हैं।
संसद के अलावा कांग्रेस इस मुद्दे को ज़मीन पर भी भुनाने की तैयारी कर चुकी है। कांग्रेस का एक प्रतिनिधि मंडल बुधवार को असम-मिजोरम बॉर्डर का दौरा करेगा। इस प्रतिनिधि मंडल में सांसद और विधायक शामिल होंगे। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने इस पूरे मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जब समाज को तोड़ने वालों के हाथ में एकता स्थापित करने की ज़िम्मेदारी आती है, तब ऐसे ही परिणाम देखने को मिलते हैं।