उत्तर प्रदेश पुलिस की STF ने दो लोगों को राम मंदिर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ( Yogi Adityanath) को बम से उड़ाने की धमकी देने के आरोप में दो लोगों को गिरफ़्तार किया है। आरोपियों की पहचान गोंडा निवासी ताहर सिंह (30) और ओम प्रकाश मिश्रा (31) के रूप में हुई है। इस मामले में मास्टरमाईंड ‘भारतीय गौ सेवा परिषद’ का अध्यक्ष देवेंद्र तिवारी है, जो अभी फ़रार है। ज्ञात होकि आरोपियों ने धमकी भरे ईमेल भेजने के लिए मुस्लिम नामों का इस्तेमाल किया था। इससे इनके इरादों का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
टीम ने उनके पास से मोबाइल फोन वीवो टी-2 (खतरे वाली ई-मेल आईडी बनाने में इस्तेमाल होने वाला), एक अन्य मोबाइल फोन, एक वाईफाई राउटर (वाई-फाई के माध्यम से लॉगिन करने और धमकी भरे ईमेल भेजने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला) और डीबीआर (धमकी भरे ईमेल भेजने वाले स्थान पर स्थापित सीसीटीवी कैमरों का डीबीआर) बरामद किया।
पुलिस ने बताया कि 27 दिसंबर 2023 को ट्विटर आईडी-(एक्स) @iDevendraOffice से ट्वीट किया गया था कि आईएसआई संगठन के जुबैर खान नाम के व्यक्ति द्वारा भेजे गए मेल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, एसटीएफ प्रमुख अमिताभ यश, देवेंद्रनाथ तिवारी को बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी और साथ ही अयोध्या के श्रीराम मंदिर को बम से उड़ा दिया जाएगा।
ईमेल आईडी के तकनीकी विश्लेषण के बाद गोंडा के ताहर सिंह और ओम प्रकाश मिश्रा को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि लखनऊ के बंथरा का देवेंद्र तिवारी भारतीय किसान मंच और भारतीय गौ सेवा परिषद के नाम से एक एनजीओ चलाता है और उसके खिलाफ लखनऊ के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में अपराध के मामले दर्ज हैं।
उन्होंने बताया कि देवेंद्र तिवारी का आलमबाग में इंडियन इंस्टीट्यूट पैरा मेडिकल साइंसेज के नाम से एक कॉलेज था और उसमें ताहर सिंह सोशल मीडिया हैंडलर और ओम प्रकाश मिश्रा निजी सचिव के रूप में काम कर रहे थे।
ओम प्रकाश ने उसी कॉलेज से ऑप्टोमेट्री में दो साल का डिप्लोमा किया है। अधिकारी ने बताया कि देवेंद्र तिवारी के कहने पर ताहर सिंह ने धमकी में इस्तेमाल करने के लिए एक फर्जी ई-मेल आईडी बनाई और ई-मेल आईडी और पासवर्ड व्हाट्सएप के माध्यम से ओम प्रकाश मिश्रा को भेजा गया और उनके अनुरोध पर लखनऊ के अमन मोबाइल सेंटर से दो नंबर भेजे गए।
अधिकारी ने कहा कि आरोपियों ने यह भी कहा कि देवेंद्र तिवारी ने उनसे कहा था कि इससे वे सोशल मीडिया पर सुर्खियों में आ जाएंगे और सुरक्षा भी बढ़ेगी और उन्हें भारी राजनीतिक लाभ भी मिल सकता है।