किसी साधारण व्यक्ति के साथ ठगी होने की बात आपने जरूर सुनी होगी, लेकिन अब सरकारी नुमाइंदों के साथ भी जालसाज़ी और ठगी होना आम सी बात हो गई है। हाँ, बस दोनों में ये फर्क ज़रूर होता है कि जब आम लोग जब ऐसे किसी अपराध का शिकार होते हैं तो अधिकतर मामलों में पीड़ितों की न्याय नहीं मिल पाता। पर जब भी किसी वीआईपी के साथ ऐसी कोई घटना सामने आती है, तो पुलिस जल्द से जल्द ऐसे केसों को सुलझाने की कोशिश करती है। ऐसी ही एक घटना भाजपा के सांसद साक्षी महाराज के साथ हुई है।
दरअसल, छः महीने पहले उत्तर प्रदेश के सांसद साक्षी महाराज (BJP MP Sakshi Maharaj) के साथ पैसों की ठगी का मामला सामने आया था। जिसके बाद उन्होंने दिल्ली में संसद मार्ग के पुलिस थाने में इस मामले की रिपोर्ट लिखवाई थी।
दो लोगों की हो चुकी है गिरफ़्तारी
दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने साक्षी महाराज की शिकायत पर दो लोगों की गिरफ्तारी कर ली है। पुलिस के अनुसार आरोपियों की पहचान बिहार के निवासी दिनेश राय और निहाल सिंह के रूप में हुई है। दिनेश की उम्र 27 बताई जा रही हैं, वहीं निहाल सिंह 30 वर्ष का है। पुलिस ने मामले की जानकारी देते हुए आगे कहा कि इन दोनों ने शिकायतकर्ता से ठगी करने के लिए फर्जी चेक का उपयोग किया था। इसी फर्जी चेक के द्वारा साक्षी महाराज के बैंक खाते में से 97,500 हजार की रकम निकली है थी। जिन चेक से ये रकम विड्रो की गई थी, वो दोनों असली चेक साक्षी महाराज के पास मौजूद हैं। यही नहीं इन जाली चेकों पर साक्षी महाराज के नकली साइन भी किए गए थे।
दिनेश राय है पूरे गिरोह का मास्टरमाइंड
पुलिस ने अपनी जांच में बताया कि दोनों आरोपियों के पास से साक्षी महाराज के बैंक खाते की एक स्टेटमेंट और फर्जी चेक की एक प्रति मिली है। जांच अधिकारियों ने आगे कहा कि सिन्हा को पटना से गिरफ्तार किया गया, जिसके बाद सिन्हा के पास से कई बैंकों के डेबिट कार्ड (ATM) भी बरामद किए गए हैं। दोनों से पूछताछ के दौरान पता चला कि इस पूरे रैकेट का सरगना दिनेश राय है। दिनेश ने ही फर्जी चेक की व्यवस्था की और उन्हें सिन्हा को दे दिया।
19 जून को किया गया था गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस ने बीते 19 जून को दिनेश राय और निहाल सिंह अलग जगहों से गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने बताया ये लोग पहले भी कई लोगों को अपना शिकार बना चुके हैं। अब दोनों आरोपितों से पूछताछ के बाद ठगी के अन्य मामलों को सुलझाने की उम्मीद भी की जा रही है। यह मामला काफी हाई प्रोफाइल था, इसलिए आरोपियों को जल्दी ही पकड़ लिया गया। लेकिन स्थानीय थाने में दोनों आरोपियों के खिलाफ ठगी का कोई दूसरा मुकदमा दर्ज नहीं है।
निहाल को मिलता था कमीशन
दिनेश ऐसी सारी वारदातों को मुख्य आरोपी है। दिनेश राय ने फर्जी चेक से खाते रुपये उड़ाए थे। उसके बाद निहाल के खाते में इन पैसों को ट्रांसफर कर दिया था। निहाल पेशे से एक मजदूर है। निकासी के बाद दिनेश ने 70 हजार रुपये खुद रखे थे, जबकि 30 हजार कमीशन के तौर पर निहाल को दे दिए थे।